कल मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने अपने कार्यकाल के 11 साल पूरे कर लिए। उतार-चढ़ाव के बीच चले इस कार्यकाल के खाते में डंपर, व्यापमं घोटाले के साथ सिंहस्थ का सफल आयोजन भी शामिल है।
बड़ी मुश्किल से व्यावसायिक परीक्षा मंडल के दाग सिंहस्थ में साधु-संतों की सेवा के बाद धुले थे। पर ये घोटाले के दाग हैं जो पता नहीं क्यों मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के दामन से धुलना ही नहीं चाहते हैं। सिंहस्थ खत्म होने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अभी चैन की सांस भी नहीं ली है, फुर्सत के दो पल भी नहीं काटे हैं कि घोटाले की बैचेन हवाएं मध्य प्रदेश और उससे बाहर लहराने लगी है।
थोड़ी बाधा और बहुत सारे उत्साह के साथ आज 21 मई को आखरी शाही स्नान के साथ एक महीने से उज्जैन में चल रहा सिंहस्थ मेला आज औपचारिक रूप से खत्म हो गया। लेकिन श्रद्धालुओं की भीड़ और तिथि को देखते हुए मेले की व्यवस्थाएं 28 मई तक यथावत रहेंगी। सुबह ग्यारह बजे आम जनता के लिए स्नान घाट खोल दिए गए थे।
उज्जैन में चल रहे सिंहस्थ में भारतीय जनता पार्टी के कार्यक्रम वैचारिक कुंभ के समापन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संबोधित किया। इस कार्यक्रम में श्रीलंका के राष्ट्रपति सिरीसेना भी शामिल थे।