इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शुक्रवार को गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में बच्चों की मौत के मामले की न्यायिक जांच की मांग को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई की।
बॉलीवुड स्टार्स की दिनचर्या और उनकी गतिविधियों के बारे में अक्सर उनके फैंस जानना चाहते हैं। स्टार्स को फॉलो करने वाले प्रशंसक अक्सर ये जानने के इच्छुक होते हैं कि बॉलीवुड सितारे क्या कर रहे हैं, कहां जा रहे हैं, क्या पहन रहे हैं, इन सभी गतिविधियों पर उनकी पैनी नजर रहती है।
देश में उन्मादी भीड़ ने हिंसा की कई काली रेखाएं खींच दी है। पहले उन्मादी भीड़ ने एक युवक को मौत के हवाले कर दिया। उस दौरान किसी के हाथ मदद के लिए आगे नहीं बढ़े। अब विडबंना है कि कोई गवाह भी सामने नहीं आ रहा है।
वर्तमान में विराट कोहली दुनिया के सबसे बेस्ट बल्लेबाज हैं। उनकी टाइमिंग में नित दिन निखार आता जा रहा है। मुश्किल समय में बड़ी पारियां खेलना उनका स्वभाव है लेकिन वह अपनी छोटी सी पारी में भी एक दो ऐसे लाजवाब शॉट खेल जाते हैं जिसे क्रिकेट प्रेमी पहले शायद ही देखे हों। विराट ने रविवार को एक ऐसा ही शॉट खेला जिसकी क्रिकेट पंडित चर्चा कर रहे हैं।
घाटी में बढ़ती हिंसा के बीच केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर सरकार पर जल्द बड़ा फैसला ले सकती है। हिंसा के दौर के बीच वहां राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की अटकलें बढ़ रही हैं। कानून व्यवस्था में गड़बड़ी को देखते हुए राजनैतिक गलियारे में सुगबुगाहट है कि भाजपा और पीडीपी का गठबंधन भी टूट सकता है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह 29 और 30 अप्रैल को राज्य का दौरा करने वाले हैं। माना जा रहा है कि इस दौरे के बाद गठबंधन पर भाजपा कोई बड़ा फैसला ले सकती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके ऑस्टेलियाई समकक्ष मैल्कम टर्नबुल ने सोमवार को यहां हुई बैठक के बाद आतंकवाद से निपटने में सहयोग को बढ़ावा देने वाले एक करार समेत छह समझौतों पर हस्ताक्षर किए। दोनों नेताओं ने पारस्परिक हितों और चिंताओं के विभिन्न द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्री मुद्दों पर व्यापक चर्चा की।
पाकिस्तान के लाहौर शहर में एक आत्मघाती हमलावर ने बुधवार को सेना के एक वाहन के नजदीक खुद को उड़ा दिया। इस धमाके में चार जवान सहित छह लोगों की मौत हो गई जबकि कई अन्य घायल हो गए हैं।
हिन्दी फिल्मों के एक प्रसिद्ध अभिनेता अनुपम खेर ने सेंसर बोर्ड को अपनी नियम पुस्तिका पर पुनर्विचार करने की बात कही। उन्होंने कहा, सेंसर बोर्ड के दिशा-निर्देशों को लिखे हुए छह दशक से अधिक समय बीत गया है इसलिए इस पर एक बार पुनर्विचार करना चाहिए।