देश में उन्मादी भीड़ ने हिंसा की कई काली रेखाएं खींच दी है। पहले उन्मादी भीड़ ने एक युवक को मौत के हवाले कर दिया। उस दौरान किसी के हाथ मदद के लिए आगे नहीं बढ़े। अब विडबंना है कि कोई गवाह भी सामने नहीं आ रहा है।
एनडीए ने सोमवार को बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया गया। कोविंद को 8 अगस्त 2015 को बिहार के राज्यपाल के पद पर नियुक्त किया गया था।
राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने अपने कार्यकाल के समाप्त होने से एक महिने पहले दो मामलों में दायर दया याचिकाओं को खारिज कर दिया है। इन दो याचिकों के खारिज होने के बाद राष्ट्रपति द्वारा अब तक खारिज की गयी कुल दया याचिकाओं की संख्या 30 हो गयी है।
गुरुग्राम में दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। तीन लोगों ने एक महिला के साथ कथित तौर पर बलात्कार किया और महिला की 9 महीने की बच्ची को ऑटो के बाहर फेंक दिया।
पुडुचेरी की उप-राज्यपाल किरण बेदी और सीएम नारायण सामी के बीच तकरार बढ़ती ही जा रही है। सीएम नारायण सामी के बयान के बाद किरण बेदी ने भी सीएम पर पलट वार किया है। किरण बेदी ने कहा कि सीएम बताएं कि वह एक रबड़ स्टैंप चहातें है या फिर एक जिम्मेदार प्रशासक।
घाटी में बढ़ती हिंसा के बीच केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर सरकार पर जल्द बड़ा फैसला ले सकती है। हिंसा के दौर के बीच वहां राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की अटकलें बढ़ रही हैं। कानून व्यवस्था में गड़बड़ी को देखते हुए राजनैतिक गलियारे में सुगबुगाहट है कि भाजपा और पीडीपी का गठबंधन भी टूट सकता है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह 29 और 30 अप्रैल को राज्य का दौरा करने वाले हैं। माना जा रहा है कि इस दौरे के बाद गठबंधन पर भाजपा कोई बड़ा फैसला ले सकती है।
सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर और डिप्टी गवर्नर की सैलरी में करीब तिगुना बढ़ोत्तरी की है। अब आरबीआई के गवर्नर की बेसिक सैलरी 2.50 लाख रुपये हो गई है, वहीं डिप्टी गवर्नर को 2.25 लाख रुपये मिलेंगे। इन्हें बढ़ी हुई सैलरी एक जनवरी 2016 से मिलेगी।
31 वर्षीय एक भारतीय अमेरिकी उद्यमी न्यूजर्सी में गर्वनर पद की दौड़ में शामिल हैं। यहां इस साल के आखिर में चुनाव होना है। रिपब्लिकन हर्षवर्धन सिंह ने गर्वनर चुने जाने के बाद संपत्ति करों में कटौती और न्यूजर्सी को तकनीकी क्षेत्रों में देश का प्रमुख स्थान बनाने का वादा किया है।
हिन्दी फिल्मों के एक प्रसिद्ध अभिनेता अनुपम खेर ने सेंसर बोर्ड को अपनी नियम पुस्तिका पर पुनर्विचार करने की बात कही। उन्होंने कहा, सेंसर बोर्ड के दिशा-निर्देशों को लिखे हुए छह दशक से अधिक समय बीत गया है इसलिए इस पर एक बार पुनर्विचार करना चाहिए।