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जर्मनी की कमान चौथी बार एंजेला मर्केल के हाथों में, दक्षिणपंथी पार्टी एएफडी को भी मिली जीत

जर्मनी की कमान चौथी बार एंजेला मर्केल के हाथों में, दक्षिणपंथी पार्टी एएफडी को भी मिली जीत

जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने देश के आम चुनाव में जीत हासिल की। वह चौथी बार देश की कमान संभालेंगी।...
कश्मीर हालात पर स्वामी ने कहा- नेहरू शासन में ही शुरू हो गई थी कश्मीर समस्या

कश्मीर हालात पर स्वामी ने कहा- नेहरू शासन में ही शुरू हो गई थी कश्मीर समस्या

कश्मीर में मौजूदा हालात को लेकर कांग्रेस उपाध्यदक्ष राहुल गांधी के बयानों के बाद भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने उन पर हमला बोला है। स्वामी ने दावा किया कि देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के शासनकाल में ही कश्मीर समस्या शुरू हो गई थी।
बेरोजगारी के मुकाबले सबसे बड़ी समस्या ‘अर्ध बेरोजगारी’ है: नीति आयोग

बेरोजगारी के मुकाबले सबसे बड़ी समस्या ‘अर्ध बेरोजगारी’ है: नीति आयोग

नीति आयोग ने कहा है कि देश के समक्ष बेरोजगारी के मुकाबले सबसे बड़ी समस्या अर्ध बेरोजगारी है। आयोग ने बताया कि जिस काम को एक व्यक्ति कर सकता है, उसे प्राय: दो या उससे अधिक कर्मचारी करते हैं।
आजादी के बाद पहली बार नक्सल प्रभावित ‘अबूझमाड़’ का सर्वे

आजादी के बाद पहली बार नक्सल प्रभावित ‘अबूझमाड़’ का सर्वे

नक्सलियों का गढ़ और दुर्गम वन्य क्षेत्र माने जाने वाले छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ पर सरकार की रणनीति तैयार हो रही है। सरकार और प्रशासन से अछूते रहे इस इलाके में सरकार ने अब सर्वे कराना शुरू कर दिया है।
नक्‍सली क्यों बने सड़कों के दुश्मन, क्यों हो रहे हैं जवानों पर हमले?

नक्‍सली क्यों बने सड़कों के दुश्मन, क्यों हो रहे हैं जवानों पर हमले?

नक्‍सलियों ने छत्‍तीसगढ़ में सीआरपीएफ के जवानों पर हमला किया। जिसमें 25 जवान शहीद हो गए। सीआरपीएफ के 74 वीं बटालियन के करीब 90 जवान सोमवार सुबह बुरकापाल में निर्माणाधीन सड़क की सुरक्षा के लिए गए थे। बुरकापाल में सड़क का काम लंबे अरसे से बंद था, लेकिन सीआरपीएफ की सिक्युरिटी में इसका काम फिर शुरू हुआ। सड़क बनाने का काम प्राइवेट ठेकेदार कर रहे है। ठेकेदार नक्सली हिंसा के भय के चलते जवानों की सुरक्षा में ही काम करते हैं।
जानिए कैसे, आखिरी दम तक नक्सलियों से लोहा लेता रहा शेर मोहम्मद?

जानिए कैसे, आखिरी दम तक नक्सलियों से लोहा लेता रहा शेर मोहम्मद?

छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में हुए माओवादी हमले के दोरान एक जवान ने जख्मी होकर भी नहीं मानी हार। अपने साथियों को बचाने के लिए बड़ी बहादुरी से लड़ता रहा।
भारी पड़ा नक्सल‌वाद को कमजोर समझना, आख‌िर कहां हुई चूक?

भारी पड़ा नक्सल‌वाद को कमजोर समझना, आख‌िर कहां हुई चूक?

छत्‍तीसगढ़ में नक्‍सलियों ने एक बाद फिर 26 सीआरपीएफ जवानों की हत्‍या कर दी है। पिछले पंद्रह सालों से भाजपा शासित इस राज्‍य में सैंकड़ों हमले हुए हैं। मुख्‍यमंत्री रमन सिंह हमेशा नक्‍सल समस्‍या को खतम कर लेने का दावा करते हैं लेकिन हर बार यहां जवानों को जान गंवानी पड़ती हैं।
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