जयललिता की मौत के बाद जब शशिकला गुट ने अपने विश्वस्त पलानीसामी को मुख्यमंत्री पद पर बैठा दिया तो पनीरसेल्वम गुट ने जयललिता की मौत के कारणों पर शक जताते हुए इस मामले में जांच की मांग की। पनीरसेल्वम की इस मांग को काफी समर्थन भी मिला।
यह आदेश के. वीरामनी द्वारा दाखिल याचिका पर सुनाया गया। वीरामनी बीटी असिस्टेंट के पोस्ट के लिए आयोजित परीक्षा में फेल हो गए थे, क्योंकि उन्होंने परीक्षा में सवाल का जवाब देते हुए लिखा था कि राष्ट्रगीत बंगाली में लिखा गया है। उनके अनुसार न्यूनतम अंक 90 है, जबकि उन्हें 89 नंबर मिले थे। इस वजह से वह यह नौकरी नहीं पा सके।
तमिलनाडु के किसानों ने अब एक बार फिर अपनी मांगों के साथ पीएम आवास के सामने प्रदर्शन किया। इससे पहले वे मार्च-अप्रैल महीने में कर्जमाफी की मांग को लेकर राजधानी दिल्ली में विरोध प्रदर्शन को अंजाम दिए थे।
जंतर-मंतर पर तमिलनाडु के किसानों का धरना-प्रदर्शन अपने अनूठे तौर-तरीकों को लेकर चर्चाओं में रहा। पढ़िए, इस आंदोलन को किस नजरिये से देखते हैं मध्य प्रदेश के युवा किसान नेता केदार सिरोही
चुनाव आयोग ने तमिलना की स्व. जे. जयललिता अम्मा की पार्टी एआईएडीएमके के दो धड़ों में से किसी को भी पार्टी का मूल चुनाव चिह्ऩ नहीं दिया। पार्टी के दो हरे पत्तों के पहले चुनाव चिह्न को जब्त करते हुए आयोग ने भ्रष्टाचार के आरोप में जेल की सजा काट रही अम्मा की सखी शशिकला उर्फ चिनम्मा को टोपी चुनाव चिह्न दिया है।