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बिहार में पैदा हुए बाबा सिद्दकी ने मुंबई में पायी शौहरत, दाउद ने दी थी धमकी

बिहार में पैदा हुए बाबा सिद्दकी ने मुंबई में पायी शौहरत, दाउद ने दी थी धमकी

आज बाबा सिद्दकी और उनके दोस्त रफीक मकबूल कुरैशी समेत कई लोगों के ठिकानों पर एन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) ने छापा मारा। बताया जा रहा है कि यह कार्रवाई मनी लॉन्डरिंग के मामले में की गई। इनका नाम स्लम रिहैबिलिटेशन स्कैम से भी जुड़ा था।बाबा सिद्दकी का असली नाम जिआउद्दीन सिद्दकी है और उनका जन्म बिहार की राजधानी पटना में हुआ था। लेकिन जिआउद्दीन ने शौहरत,दौलत और पहचान मुंबई में पायी। वह महाराष्ट विधान में कई बार एमएलए रहें और एक बार राज्य सरकार में मंत्री भी बनें।
खेल मंत्री विजय गोयल के बयान के बाद द्विपक्षीय क्रिकेट सीरीज पर मंडराया संकट

खेल मंत्री विजय गोयल के बयान के बाद द्विपक्षीय क्रिकेट सीरीज पर मंडराया संकट

आए दिन भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर घटित हो रही आतंकी घटनाओं के बीच केंद्रीय खेल मंत्री विजय गोयल ने पाक के साथ द्विपक्षीय क्रिकेट सीरीज खेलने से मना कर दिया है। खेल मंत्री ने कहा कि ऐसे समय जब सीमा पर आतंकी घटनाएं लगातार हो रही हैं, खेल संभव नहीं है।
भारत और तुर्की दोनों के लिए आतंकवाद चिंता की बात है: मोदी

भारत और तुर्की दोनों के लिए आतंकवाद चिंता की बात है: मोदी

तुर्क के राष्ट्रपति रीसेप तैयप एर्दोगन दो दिन के भारत के दौरे पर हैं। इस दौरान एर्दोगन और नरेंद्र मोदी एक बिजनेस इवेंट में शामिल हुए। हैदराबाद हाउस में मोदी और एर्दोगन की अधिकारिक मुलाकात हुई।
कश्‍मीर में सुरक्षा बलों की कार्रवाई को न्यूयॉर्क टाइम्स ने बर्बर माना, कहा इससे आतंक बढ़ेगा

कश्‍मीर में सुरक्षा बलों की कार्रवाई को न्यूयॉर्क टाइम्स ने बर्बर माना, कहा इससे आतंक बढ़ेगा

असामान्य रूप से कठोर अपने संपादकीय में न्यूयॉर्क टाइम्स ने कश्मीर में भारतीय सुरक्षा बलों की कार्रवाई को बर्बर बताते हुए चेतावनी दी है कि इससे आतंकवाद को बढ़ावा मिलेगा।
भारत में 95 प्रतिशत इंजीनियर साफ्टवेयर विकास कार्य के लायक नहीं

भारत में 95 प्रतिशत इंजीनियर साफ्टवेयर विकास कार्य के लायक नहीं

एक सर्वेक्षण में दावा किया गया है कि भारत में इंजीनियरिंग की पढ़ाई करके निकलने वाले 95 प्रतिशत इंजीनियर साफ्टवेयर विकास कार्य करने लायक नहीं होते हैं। सर्वेक्षण देश के आईटी व डेटा विज्ञान परिदृश्य में प्रतिभाओं की भारी कमी की ओर संकेत करता है।
मानसून सत्र में पेश होगा खेल विधेयक: गोयल

मानसून सत्र में पेश होगा खेल विधेयक: गोयल

काफी समय से लंबित पड़ा राष्ट्रीय खेल विकास विधेयक मानसून सत्र में संसद में पेश होगा और खेलमंत्री विजय गोयल ने चेताया है कि इसका पालन नहीं करने पर राष्ट्रीय खेल महासंघों को सरकार से कुछ नहीं मिलेगा।
भाजपा विधायक बोले, राम मंदिर का विरोध किया तो सिर काट कर रख देंगे

भाजपा विधायक बोले, राम मंदिर का विरोध किया तो सिर काट कर रख देंगे

हैदराबाद के भारतीय जनता पार्टी के विधायक राजा सिंह ने राम मंदिर को लेकर विवादित बयान दिया है। राजा सिंह ने कहा कि वे लोग जो अयोध्या में राम मंदिर बनाए जाने पर परिणाम भुगतने की धमकी देते हैं। मंदिर निर्माण का विरोध करते हैं। हम उनके विरोध का इंतजार कर रहे हैं ताकि हम उनका सिर कलम कर सकें। राजा सिंह ने कहा कि अगले साल राम नवमी तक राम मंदिर बनकर रहेगा।
भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच आतंकवाद पर छह समझौते

भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच आतंकवाद पर छह समझौते

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके ऑस्टेलियाई समकक्ष मैल्कम टर्नबुल ने सोमवार को यहां हुई बैठक के बाद आतंकवाद से निपटने में सहयोग को बढ़ावा देने वाले एक करार समेत छह समझौतों पर हस्ताक्षर किए। दोनों नेताओं ने पारस्परिक हितों और चिंताओं के विभिन्न द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्री मुद्दों पर व्यापक चर्चा की।
विश्व स्वास्थ्य दिवस पर विशेष - मलावी की रंजकहीनता विकास को एक चुनौती

विश्व स्वास्थ्य दिवस पर विशेष - मलावी की रंजकहीनता विकास को एक चुनौती

विश्व स्वास्थ्य संगठन 7 अप्रैल को ‘विश्व स्वास्थ्य दिवस’ मनाता है। ‘विश्व स्वास्थ्य दिवस’ के मौके पर अगर हम विभिन्न देशों के विकास, रहन-सहन और सेहत पर कोई टिप्पणी करें तो उसमें हमें मलावी की रंजकहीनता पर जरुर कुछ जानने की जरुरत है। कैसे यह देश रंजकहीनता की त्रासदी झेल रहा है। विकास के ढेकेदार आधुनिकता के लाख दावे कर लें पर अभी भी इस जहां में कितने लोग ऐसे हैं जो एक सामान्य जीवन को पाने को तरस रहे हैं। पिछले कई सालों में देश-विदेश हर जगह कई ऐसी बीमारियों के बारे में सुनने को मिला, जिसका नाम हमने पहले कभी नहीं सुना था जैसे इबोला, चिकनगुनिया, बर्ड फ्लू और स्वाइन फ्लू आदि। इन बीमारियों ने देश-विदेश हर जगह लोगों के बीच अपना पांव पसार लिया है। इन बीमारियों से ग्रसित लोगों की परेशानियों और मृत्यु दर के आंकड़ों को देखकर यह अनुमान लगाया गया कि ये रोग कितने घातक साबित हो रहे हैं। ऐसी बीमारियों से पीड़ित लोग इनके बारे में पूरी जानकारी न होने के कारण या फिर गलत इलाज होने के कारण अपनी जान गंवा बैठते हैं। ऐसा कहा जाना गलत न होगा कि कुछ देशों की खुशहाली पूरे दुनिया की रौनक नहीं कही जा सकती। आज भी कहीं-कहीं मानव समाज में गरीबी, भूख, कुपोषण का घनघोर अंधेरा व्याप्त है। इसी बानगी में आप मलावी की रंजकहीनता को जानेंगे तो आपको निराशा होगी।
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