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‘आप’ की अनोखी दावत, मोदी सरकार की नाकामी पर रखे व्यंजनों के नाम

‘आप’ की अनोखी दावत, मोदी सरकार की नाकामी पर रखे व्यंजनों के नाम

एक ओर जहां मोदी सरकार सत्ता में तीन साल पूरे होने का जश्न मना रही है। वहीं, दूसरी ओर आम आदमी पार्टी ने एक अनोखे तरीके का प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन को किसी मंत्री या नेता के घर के सामने नहीं बल्कि एक दावत के दौरान किया गया। इस खास दावत में मोदी की नाकामी पर व्यंजनों का नाम दिया गया।
नौकरियों में मनमोहन से पीछे रहे मोदी, रोजगार की दर 8 साल में सबसे कम

नौकरियों में मनमोहन से पीछे रहे मोदी, रोजगार की दर 8 साल में सबसे कम

तीन साल पूरे होने का जश्न मना रही मोदी सरकार के रिपोर्ट कार्ड पर बेरोजगारी ने बड़ा दाग लगा दिया है। देश में नए रोजगार पैदा होने की दर आठ साल के न्यूनतम स्तर पर आ गई है। आठ प्रमुख औद्याेेगिक क्षेत्रों में नौकरियों का बुरा हाल है, जिनमें पिछले साल केवल 1.1 फीसदी नौकरियां बढ़ी हैैं।
यूपी में बेटी के जन्म पर ‘भाग्यलक्ष्मी योजना’ का तोहफा

यूपी में बेटी के जन्म पर ‘भाग्यलक्ष्मी योजना’ का तोहफा

रातो रात बड़े फैसले लेने लिए वाले उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने आज एक और बड़े फैसले की घोषणा की है। योगी सरकार ने कहा कि वह अब भाग्यलक्ष्मी योजना की शुरूआत करेंगे। इसके तहत सरकार गरीब परिवारों में बेटी के जन्म होने पर 50 हज़ार रुपये का बॉन्ड देगी और बेटी को जन्म देने वाली मां को भी 5100 रुपए दिए जाएंगे। यूपी सरकार के महिला कल्याण विभाग ने इस योजना को लेकर तैयारियां भी शुरू कर दी है।
रियल एस्टेट कारोबारियों को कराना होगा पंजीकरण

रियल एस्टेट कारोबारियों को कराना होगा पंजीकरण

पहली मई से देश में रियल एस्टेट कानून लागू हो जाएगा। इसके बाद तीन माह के भीतर सभी रियल एस्टेट कारोबारियों को रिय एस्टेट रेगुलेटर्स के पास अपना पंजीकरण कराना होगा। अन्यथा कानूनी कारवाई के लिए तैयार रहें।
ओलंपिक तैयारियों से बाहर किए जाने को सुशील कुमार ने सही ठहराया

ओलंपिक तैयारियों से बाहर किए जाने को सुशील कुमार ने सही ठहराया

भारतीय पहलवान सुशील कुमार ने ओलंपिक तैयारियों से बाहर किए जाने के कदम को सही ठहराया है। टारगेट ओलंपिक पोडियम (टॉप्स) योजना से बाहर किये गये ओलंपिक पदकधारी सुशील कुमार ने गुरुवार को कहा कि जब वह खेल से ही बाहर हैं तो सरकार से धनराशि लेने का कोई मतलब नहीं था। सुशील के अलावा लंदन ओलंपिक के कांस्य पदकधारी योगेश्वर दत्त को भी योजना से बाहर कर दिया है। फोगाट बहनें -गीता और बबीता- को भी इसमें जगह नहीं दी गयी।
'पीएम मोदी का वादा अधूरा, 2 करोड़ नहीं 1 लाख 30 हजार नौकरी पैदा हुई'

'पीएम मोदी का वादा अधूरा, 2 करोड़ नहीं 1 लाख 30 हजार नौकरी पैदा हुई'

कांग्रेस के राज्‍यसभा सदस्‍य कपिल सिब्बल ने रोजगार के मसले पर केंद्र की मोदी सरकार को आड़े हाथ लिया है। सिब्‍बल ने राजयसभा में कहा कि सरकार ने दो करोड़ रोजगार के अवसर मुहैया कराने का वादा किया था जबकि साल भर में एक लाख 30 हजार रोजगार के अवसर ही उत्पन्न हो पाए।
'कल्‍याणकारी योजनाओं के लिए आधार को जरूरी नहीं किया जा सकता'

'कल्‍याणकारी योजनाओं के लिए आधार को जरूरी नहीं किया जा सकता'

सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा है कि केंद्र सरकार अपनी कल्‍याणकारी योजनाओं के लिए आधार को जरूरी नहीं कर सकती। मुख्‍य न्‍यायाधीश जेएस खेहर की अध्‍यक्षता वाली पीठ ने कहा कि सामाजिक कल्याण की योजनाओं के लिए आधार को जरूरी नहीं किया जा सकता। लेकिन, इसे गैर-लाभकारी योजनाओं के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
नदियों को बांधे-जोड़े बिना बाढ़-सूखे से बचने का नया विज्ञान खोजने की जरूरत

नदियों को बांधे-जोड़े बिना बाढ़-सूखे से बचने का नया विज्ञान खोजने की जरूरत

गंगा, यमुना, कृष्णा, कावेरी जैसी नदियों की अविरल धारा और निर्मलता सुनिश्चित करने के लिए जल विशेषज्ञों ने तालाबों, छोटी नदियों को बचाने के कार्य से ग्राम पंचायतों को जोड़ने तथा नदियों को बांधे और जोड़े बिना बाढ़ और सूखे जैसी स्थिति से बचने का नया विज्ञान खोजने की जरूरत बतायी है।
रोजगार अवसरों में कटौती कर सकता है ऑटोमेशन: रंगराजन

रोजगार अवसरों में कटौती कर सकता है ऑटोमेशन: रंगराजन

भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर सी रंगराजन ने आगाह किया कि डिजिटल एज के तहत ऑटोमेशन से लोगों के लिए रोजगार अवसर कम हो सकते हैं हालांकि इससे बड़े स्तर पर रोजगार सृजित होने की उम्मीद है। रंगराजन आईसीएफएआई फाउंडेशन फोर हायर स्टडीज का सातवां स्थापना दिवस व्याख्यान दे रहे थे।
केन-बेतवा के जुड़ने से 6.35 लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई और पेयजल मिलेगा

केन-बेतवा के जुड़ने से 6.35 लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई और पेयजल मिलेगा

राजग सरकार की महत्वाकांक्षी 9,393 करोड़ रूपये की केन बेतवा नदी जोड़ो परियोजना के 2017 की पहली तीमाही से शुरू होने का मार्ग प्रशस्त हो गया है और इस परियोजना को हरित पैनल और आदिवासी मामलों के मंत्रालय की मंजूरी मिल गई है। इससे 6.35 लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई और बुंदेलखड में पेयजल की समस्या से निपटने में मदद मिलने की उम्मीद है।
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