केरल में मंत्रियों और अधिकारियों ने हमेशा से दिए जा रहे उदाहरण को अपनाते हुए एक अच्छी कोशिश की ओर कदम बढ़ाया है। सरकारी स्कूल की जर्जर हालात को देखते हुए हमेशा से एक उदाहरण दिया जाता है कि अगर मंत्रियों और अधिकारियों के बच्चें सरकारी स्कूल में पढ़ने लग जाए तो हालात में तेजी से सुधार हो सकता है।
एक ओर जहां मोदी सरकार सत्ता में तीन साल पूरे होने का जश्न मना रही है। वहीं, दूसरी ओर आम आदमी पार्टी ने एक अनोखे तरीके का प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन को किसी मंत्री या नेता के घर के सामने नहीं बल्कि एक दावत के दौरान किया गया। इस खास दावत में मोदी की नाकामी पर व्यंजनों का नाम दिया गया।
राजस्थान के कोटपूतली में लीला राम गुर्जर नाम के एक चाय वाले को दहेज के तौर पर 1 करोड़ 51 हजार रुपये देने के खिलाफ आयकर विभाग ने नोटिस जारी किया है। चाय वाले ने अपनी 6 बेटियों की शादी में ये रकम दहेज के तौर पर दी थी। लीला राम की बेटियों की शादी चार अप्रैल को हुई थी। शादी के बाद विदाई के समय दिए जा रहे डेढ़ करोड़ रुपये का वीडियो जब वायरल हुआ तो ये मामला सामने आया। वीडियो वायरल होने के बाद चाय वाले का पूरा परिवार घर से गायब हो गया, लेकिन आयकर विभाग के अधिकारियों ने उसके घर पर नोटिस लगा दिया है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का नोटबंदी को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी पर हमला लगातार जारी है। बनर्जी ने एक बार फिर तीखे बाेेल से मोदी पर प्रहार किया है। केंद्र सरकार को गूंगों और बहरों की सरकार का आरोप लगाने वाली ममता ने कहा कि 'चाय वाला' अब 'पेटीएम वाला' बन गया है।
गुजरात के सूरत में चायवाले से करोड़पति फायनेंसर बने किशोर भजियावाला के पास से 400 करोड़ की बेनामी संपत्ति मिली है। पिछले चार दिनों से इनके घर और ऑफिस से हर रोज लाखों रुपए की संपत्ति बरामद हो रही है।
तेलगूदेशम पार्टी के सांसद एन शिवप्रसाद ने नोटबंदी के फैसले के बाद आम जनता को होने वाली समस्याओं को उजागर करने के लिए अनोखा तरीका अख्तियार किया। मंगलवार को एन शिवप्रसाद संसद में काली सफेद रंग की शर्ट पहनकर आए जिसमें एक तरफ दुखी किसानों की तस्वीर थी तो दूसरी तरफ अमीर लोगों की।
भारत में चाय का उत्पादन मुख्य तौर पर उत्तर बंगाल में ही होता है। लेकिन अब यहां कि स्थिति चिंताजनक होती जा रही है। इलाके में बड़ी संख्या में बंद और खस्ताहाल चाय बागानों ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की भी बेचैनी बढ़ा दी है।
मेघालय का एक छोटा सा गांव एक समय में देशी शराब बनाने और शराबियों को लेकर बदनाम था लेकिन अपनी छवि में आमूल परिवर्तन लाकर गांव ने एक अनूठी नजीर पेश की है।