उत्तराखंड की 69 विधानसभा सीटों पर बुधवार को 68 फीसदी से ज्यादा मतदान दर्ज किया गया। मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग करके 628 प्रत्याशियों का भविष्य ईवीएम में कैद कर दिया।
गोवा और पंजाब की तरह इस बार उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भी बम्पर मतदान होने की सम्भावना है। उद्योग मंडल एसोचैम के एक ताजा सर्वेक्षण के मुताबिक राज्य के ज्यादातर नये और अन्य युवा मतदाताओं ने इस बार वोट डालने का इरादा जाहिर किया है।
केंद्रीय कैबिनेट ने समझा जाता है कि एक प्रस्ताव को खारिज कर दिया जिसमें चुनाव से जुड़े कानूनों में संशोधन कर अनिवासी भारतीयों को इलेक्ट्रानिक तरीके से मतदान करने की सुविधा का प्रस्ताव था।
चक्रवाती तूफान वरदा के चेन्नई से गुजरने के एक दिन बाद शहर में तबाही का मंजर है, हजारों पेड़ उखड़ चुके हैं, बिलबोर्ड जमीनदोज हो चुके हैं, टेलीफोन और बिजली के तार भी टूट गए हैं जबकि निचले इलाके अभी जलमग्न हैं। शहर में हालात सामान्य हो रहे हैं और विमान सेवा मंगलवार सुबह शुरू कर दी गई।
बड़े नोटों को अमान्य करने के मोदी सरकार के निर्णय के मुद्दे पर एकजुट विपक्ष के भारी हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही दो बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई।
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव की शुरूआत न्यू हैम्पशायर के एक छोटे से कस्बे में मतदान के साथ हुई। मतदान के दिन परंपरागत तरीके से डिक्सविले नॉच के निवासियों ने आधी रात के बाद 2016 का पहला मतदान करते हुए रिकॉर्ड 4.62 करोड़ मतदान किया। मतदान के बाद आए परिणामों में डेमोक्रेटिक उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन को यहां 4-2 से जीत हासिल हुई। भारत के विपरित अमेरिका में एक स्थान पर मतदान खत्म होने के बाद वहां के परिणाम घोषित कर दिए जाते हैं।
ब्रिटेन 28 देशों के यूरोपीय यूनियन से अलग होने की राह पर है। इस अलगाव के बाद भारत और दुनिया की अर्थव्यस्था पर व्यापक असर पड़ने लगा है। दुनिया भर के बाजार गिरने का खतरा मंडरा रहा है। भारतीय शेयर बाजार में प्री ओपनिंग में सेंसेक्स 900 अंक तक गिर गया है। निफ्टी में भी 300 अंक की गिरावट दर्ज की गई है। रुपया भी डॉलर के मुकाबले 68 रुपए के स्तर से अधिक हो गया है। ब्रिटेन की मुद्रा पाउंड 30 साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है।
आर्थिक रुप से जुड़े यूरोप के देशों के संगठन यूरोपीय यूनियन से अलग होने के लिए ब्रिटेन में जनमत संग्रह हो रहा है। मीडिया में खबर आ रही है कि मुसलमानों के डर की वजह से भी इस तरह का जनमत संग्रह कराया जा सकता है। जनता के फैसले के बारे मेंं शुक्रवार को पता चलेगा। सबसे बड़ा सवाल है कि ब्रिटेन जमनत संग्रह क्यों करा रहा है। जानकारों का कहना है कि मुस्लिम प्रवासियों की बढ़ती तादाद से ब्रिटेन को खासी चिंता है।