संसद का शुक्रवार का दिन अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किया गया शीतकालीन सत्र नोटबंदी के मुद्दे पर हंगामे की भेंट चढ़ गया तथा एक माह तक चले इस सत्र में गतिरोध के कारण विशेष विधायी कामकाज नहीं होने पर दोनों सदनों में आसन की ओर से चिंता जताई गई।
कांग्रेस समेत विभिन्न विपक्षी दल बड़े नोटों को अमान्य करने के सरकार के निर्णय के खिलाफ कल लोकसभा में कार्यस्थगन का प्रस्ताव लाने की तैयारी में हैं। इस निर्णय से देश भर में लोगों को हो रही परेशानियों को मुद्दा बनाते हुए विपक्ष की सरकार को जबर्दस्त तरीके से घेरने की योजना है।
कल से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र में सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस पार्टी ने आज बैठक कर अपनी रणनीति पर चर्चा की। संभावना है कि पार्टी विमुद्रीकरण तथा अन्य मुद्दों को लेकर दोनों सदनों में सरकार को जबर्दस्त तरीके से घेरेगी।
आगामी 16 नवंबर से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र से पहले लोगों की असुविधा का कारण बने नोटबंदी सहित विभिन्न मुद्दों पर सरकार को घेरने की संयुक्त रणनीति बनाने के लिए कांग्रेस और सात अन्य विपक्षी पार्टियों ने आज बैठक की।
संसद के 16 नवंबर से शुरू होने वाले शीतकालीन सत्र में जीएसटी से जुड़े तीन विधेयकों और किराये की कोख के नियमन संबंधी विधेयक सहित नौ नये विधेयक पेश किये जाएंगे। संसद में पेश होने वाले वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से जुड़े तीन विधेयकों में केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर विधेयक, समन्वित वस्तु एवं सेवा कर विधेयक और वस्तु एवं सेवा कर (राजस्व के नुकसान का मुआवजा) विधेयक शामिल हैं।
अगले साल से केंद्रीय बजट पेश करने की नई परंपरा शुरू करने की तैयारी कर रही सरकार ने संकेत दिए हैं कि इस बार संसद का शीत सत्र तय समय से पहले बुलाया जा सकता है। सरकार नवंबर महीने की शुरूआत में ही शीत सत्र बुलाने की संभावनाओं पर गंभीरता से विचार कर रही है। उत्तर प्रदेश और पंजाब के चुनाव की गहमागहमी को देखते हुए भी इस सत्र की काफी सियासी अहमियत है।
संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अनुपस्थिति से नाराज कांग्रेस ने पीएम मुक्त संसद को एक प्रमुख मुद्दा बनाए जाने पर रविवार को जोर दिया और संकेत दिया कि वह शीतकालीन सत्र में इसे आक्रामक तरीके से उठाएगी।