प्रधानमंत्री के आह्वान पर हैशटैग #SelfieWithDaughter टॉप ट्रेंड तो रहा ही साथ ही बेटियों संग सेल्फी खींच सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर पोस्ट करने का सिलसिला थम नहीं रहा। न केवल देश में बल्कि पूरी दुनिया में लोगों ने अपनी बेटियों के साथ सेल्फी खींची और पोस्ट की लेकिन इस बीच गुजरात की एक ऐसी बेटी ने अपने कत्ल हो चुके अब्बा के साथ अपनी एक सेल्फी पोस्ट कर प्रधानमंत्री के नाम संदेश लिखा। सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर इस समय वायरल हो चुकी यह सेल्फी और संदेश एहसान जाफरी की बेटी निशरीन जाफरी हुसैन का है।
मध्य प्रदेश की राजनीति में तूफान खड़ा करने वाले व्यापमं घोटाले से जुड़े आरोपियों की संदिग्ध मौतों का सिलसिला जारी है। एक ही दिन के अंदर घोटाले से जुड़े दो और आरोपियों की मौत हो गई है। एक आरोपी इंदौर की सेंट्रल जेल में बंद था जबकि दूसरा ग्वालियर में जमानत पर था। दोनों की मौत रविवार को तकरीबन एक ही समय पर हुई है। इस तरह इस मामले में अब तक करीब 40 आरोपियों की मौत हो चुकी है।
यूपी में एक पत्रकारों को जिंदा जलाए जाने की घटना के बाद अब महाराष्ट्र में खनन माफिया द्वारा एक पत्रकार को जिंदा जलाने का मामला सामने आया है। मारा गया पत्रकार मध्य प्रदेश के बालाघाट का रहने वाला था और खनन माफिया और चिटफंड घोटालों के खिलाफ लगातार खबरें दे रहा था। उसका मध्य प्रदेश के बालाघाट से अपहरण हुआ था और उसे नागपुर ले जाकर जिंदा जलाया गया।
फीफा अध्यक्ष पद से सैप ब्लाटर ने बुधवार को आश्चर्यजनक तरीके से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद स्कैंडल में फंसे फीफा की छवि को सुधारने के लक्ष्य के साथ इस संगठन के अध्यक्ष पद के लिए नये सिरे से दौड़ शुरू हो गई है।
पुलिस ने बुधवार को उन पांच यात्रियों का पता लगाने का दावा किया जो उस बस में सवार थे जिसमें एक किशोरी से छेड़छाड़ के बाद उसे बाहर फेंक दिया गया जिससे उसकी मौत हो गई। पुलिस ने इन यात्रियों के बयान दर्ज कर लिए हैं।
यह किस्सों का संकलन है। मुजफ्फरपुर बिहार में तवायफों की एक 100 साल से पुरानी बस्ती है चतुर्भुज स्थान, जो बहुत प्रसिद्ध रहा है। उसके 100 साल के इतिहास को जानने-समझने की एक विनम्र कोशिश है यह किताब। इसमें उनके उत्थान के किस्से हैं, उनके पतन की नजीरें हैं।
कोठागोई का एक उद्देश्य है आज की पीढ़ी का परिचय कोठों की उस संस्कृति से करवाना जो कभी तहजीब का केंद्र होता था, बाद में उसका रूप, उसकी पहचान बदलती गई। इसमें उन किरदारों के सुख हैं, दुःख हैं, गीत है, संगीत है जिनको न इतिहास ने याद किया न संस्कृति के अलंबरदारों ने।
इस किताब का प्रकाशन वाणी प्रकाशन से हो रहा है।