केरल में मंत्रियों और अधिकारियों ने हमेशा से दिए जा रहे उदाहरण को अपनाते हुए एक अच्छी कोशिश की ओर कदम बढ़ाया है। सरकारी स्कूल की जर्जर हालात को देखते हुए हमेशा से एक उदाहरण दिया जाता है कि अगर मंत्रियों और अधिकारियों के बच्चें सरकारी स्कूल में पढ़ने लग जाए तो हालात में तेजी से सुधार हो सकता है।
दिल्ली के एक स्कूल द्वारा एक रेप पीड़ित छात्रा को एडमिशन नहीं देने का मामला सामने आया है। छात्रा के परिजनों ने स्कूल पर आरोप लगाया है कि उनकी बेटी को प्रवेश देने से स्कूल ने इंकार कर दिया है।
पाकिस्तानी हिन्दू शरणार्थी कावेश कुमार ने इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी (इग्नू) में दाखिला न मिलने के कारण एक पत्र के जरिये मीडिया से मदद की गुहार लगाई है। कावेश कुमार के भाई विकेश कुमार ने बताया कि वह अपने पत्र के जरिये अपनी परेशानियों को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज तक पहुंचाना चाहते हैं ताकि वह उनकी मदद कर सकें।
सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश के व्यापमं घोटाले से जुड़े एक मामले में अपना अहम फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने सभी छात्रों को राहत देने से इंकार कर दिया है। शीर्ष कोर्ट ने हाईकोर्ट का फैसला बरकरार करते हुए सामूहिक नकल के दोषी करीब 600 छात्रों के दाखिले रद्द कर दिए गए हैं। सुप्रीम कोर्ट को यह तय करना था कि सामूहिक नकल के दोषी इन छात्रों को राहत दी जाए या नहीं।
फीस जमा नहीं कर पाने पर स्थानीय स्कूल द्वारा एक बच्चे को दाखिला देने से इनकार करने पर बंबई उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश ने किस्त में फीस लेने का निर्देश देते हुए कहा कि अगर यह संभव नहीं है तो वह खुद अपनी जेब से बच्चे की फीस जमा करने के लिए तैयार हैं।