मशहूर अभिनेता मनोज कुमार को साल 2015 का दादासाहेब फाल्के अवार्ड दिया जाएगा। अपनी विशिष्ट अभिनय शैली और देशभक्ति की भावना से भरी फिल्मों के लिए मनोज कुमार लाखों भारतीय दिलों पर राज करते हैं।
छात्र राजनीति का इतिहास बहुत पुराना है। राष्ट्र के नव-निर्माण से लेकर आज तक यह जारी है। हाल में भारत के विश्वविद्यालयों से एक आंधी उठी है जो हो सकता है देश की राजनीति के लिए बवंडर साबित हो
रेल मंत्री सुरेश प्रभु द्वारा राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार के लिए दूसरी बार पेश रेल बजट को पूर्व रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी ने यह कहकर खारिज कर दिया कि रेल बजट में नजरिया पेश करने का बयान होता है लेकिन इसमें तो रेल मंत्री मतिभ्रम वाला बयान दिया है। पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद ने कहा कि भाजपा ने बहुत हल्का बजट पेश करते हुए पूरी रेल व्यवस्था को ही पटरी से उतार दिया, इसमें कुछ नयापन नहीं था।
देश में चाहे जितना भी गदर मचा हो मगर कला की दुनिया कभी सरहद नहीं मानती। नई फिल्म रिदम के प्रमोशन के लिए पाकिस्तान के कलाकार भारत आए हैं और उन्हें यह देश भी अपने घर की तरह ही लगता है।
अक्षय कुमार असली ‘खिलाड़ी’ साबित हो रहे हैं। एयरलिफ्ट को मिला लें तो यह चौथी फिल्म है जिसने सौ करोड़ रुपये का आंकड़ा पार किया है। हाउसफुल, राउडी राठौड़, हॉलीडे ने सौ करोड़ रुपये कमाए थे।
अर्पण कुमार का यह उपन्यास दिल्ली की पृष्ठभूमि पर लिखा गया है। अर्पण कुमार मूलतः कवि हैं, यह लेखक का पहला उपन्यास है। इस उपन्यास में दिल्ली की अलग छवि सामने आएगी। दिल्ली को दूसरे नजरिये से देखा जाता है यह उपन्यास इस शहर को नई दृष्टि देगा।
तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी पैर की मांसपेशियों में खिंचाव के कारण आस्ट्रेलिया के खिलाफ सीमित ओवरों की श्रृंखला में नहीं खेल सकेंगे। 12 जनवरी से आस्ट्रेलिया में शुरू हो रही वनडे और टी20 श्रृंखला में उनका स्थान मध्यम गति के तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार लेंगे। चोट के कारण नौ महीने तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से दूर रहने के बाद वापसी के लिए आतुर शमी के लिए यह एक बड़ा झटका है।
स्त्री अस्मिता को लेकर भारत में शुरू हुए स्त्रीवादी आंदोलनों और महिला अधिकारों की बहसों की शुरुआत के बाद से स्त्रीवादी कविता में उसके सरोकारों की भी बात होने लगी। हालांकि, उसके पहले भी स्त्रीवादी कविताएं लिखी जाती थीं, लेकिन तब उसमें स्त्री अधिकारों और सरोकारों की बातें कम होती थीं, स्त्री सौंदर्य और स्त्री प्रेम की बातें ज्यादा होती थीं।
अर्जेंटिना सरकार के सहयोग से रवीन्द्र नाथ टैगोर पर बन रही है। इस फिल्म में रवीन्द्र नाथ टैगोर और अर्जेंटिना की प्रसिद्ध लेखिका विक्टोरिया के बीच पत्राचार और उनकी यात्रा की कहानी है। सूरज कुमार भारत के निर्माता की हैसियत से इस फिल्म से जुड़ रहे हैं।