Advertisement

Search Result : "bhartiya Kisan sangh"

गौवंश से बढ़ेगा राजनैतिक कुनबा

गौवंश से बढ़ेगा राजनैतिक कुनबा

बीते दिनों जब पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय तथा पशुपालन, डेयरी एवं मत्स्य पालन विभाग ने दिल्ली में गौ शालाओं पर एक दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया तो गौ शालाएं अचानक से खबरों में आ गईं। अब तक गौ शालाओं का संचालन ऐसा काम नहीं था जिस पर चर्चा की जाए। हिंदुत्व, गाय, गंगा के मुद्दे पर हमेशा ही मुखर रहने वाली मौजूदा सरकार ने अब गौ शालाओं पर काम करना शुरू किया है।
भाजपा में ‘फिक्स’ हुए श्रीशांत

भाजपा में ‘फिक्स’ हुए श्रीशांत

तेज गेंदबाज श्रीशांत ने क्रिकेट मैच में स्पॉट फिक्सिंग के लिए सटोरियों को संकेत देने के लिए जेब में लाल रुमाल रखा था। इस संकेत ने उन्हें बहुत मुसीबत में डाला। अब उनके रुमाल का रंग बदल कर केसरिया हो गया है और इसके संकेत सही जगह पहुंच गए हैं।
चर्चाः ड्रीम गर्ल की ‘ड्रीम जमीन’ | आलोक मेहता

चर्चाः ड्रीम गर्ल की ‘ड्रीम जमीन’ | आलोक मेहता

सपनों की रानी के भी सपने हो सकते हैं। सपनों में महल, चांद-सूरज, कोहिनूर हीरे सहित स्वर्ण माला, हाथी, घोड़े-पालकी, दरबार, संगीत-नृत्य होना स्वाभाविक है। आधुनिक भारत में रूपहले पर्दे की सफल अभिनेत्री हेमा मालिनी किसी भी पूर्ववर्ती महारानियों से अधिक लोकप्रिय रही हैं। अभिनय के साथ मंच पर भी हेमा मालिनी की नृत्य-नाटिका आज भी लोगों के मुग्ध करती हैं।
गांधी: बस नाम ही बाकी है

गांधी: बस नाम ही बाकी है

राष्ट्रपिता के रूप में ख्याति पाने वाले शख्स के नाम पर पूरे भारत में ढेरों संस्थाएं हैं, जिनका बस 'नाम’ ही बाकी रह गया है
धर्मनिरपेक्षता के बदले  'इंडिया फर्स्‍ट' का पैंतरा

धर्मनिरपेक्षता के बदले 'इंडिया फर्स्‍ट' का पैंतरा

धर्मनिरपेक्षता की धारणा पर कुछ हद तक सवाल खड़े करते हुए संविधान दिवस (26 नवंबर 2015) के आयोजन ने इस बहस को एक बार फिर से खड़ा कर दिया। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने उस दलील को दोहराया जिसे राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ परिवार अर्से से उठाता रहा है। उन्होंने कहा कि धर्मनिरपेक्षता शब्द की विकृत परिभाषा का उपयोग समाज में तनाव उत्पन्न कर रहा है।
जीवन की कविताएं

जीवन की कविताएं

भारतीय भाषा परिषद, कोलकाता से पहला कविता संग्रह-दूसरे दिन के लिए प्रथम कृति प्रकाशन माला के अंतर्गत चयनित एवं प्रकाशित। दूसरा कविता संग्रह-पदचाप के साथ बोधि प्रकाशन, जयपुर से प्रकाशित। कुछ कहानियां भी।
भारतीय पौराणिक कथाएं

भारतीय पौराणिक कथाएं

डॉक्टर देवदत्त पट्टनायक भारतीय पुराणों, उपनिषदों पर लगातार काम करते रहे हैं। जल्द ही उनकी दो नई पुस्तकें इसी विधा पर आने वाली हैं। अपनी पुस्तक में वह उन कथाओं को समेटते हैं, जो अब लोगों के मस्तिष्क से मिट गई हैं। मिथक और पौराणिक कहानियों के बीच वह संतुलन बनाते हुए कालातीत हुए किस्से लिखना उनकी खूबी है। उनकी पुस्तक भारतीय पौराणिक कथाएं के अध्याय 3 – पुराकथा-निर्माण : पुराकथाओं का रूपान्तरण के अंश।
कांटों के बीच अपनों की चिंता

कांटों के बीच अपनों की चिंता

मनोज की कविताओं में समाज के विविध रंग दिखाई पड़ते हैं। परिवार के प्रति चिंता या अपनों की देखरेख की चिंता भी मनोज शब्दों में ऐसे बांधते हैं कि हर किसी को वह दुख साझा लगता है। सन 2008 के प्रतिष्ठित भारत भूषण अग्रवाल पुरस्कार के बाद भारतीय भाषा परिषद से तथापि जीवन नाम से काव्य संग्रह। कविताएं लिखने के अलावा अनुवाद के काम में संलग्न रहते हैं।
Advertisement
Advertisement
Advertisement