जेएनयू में वामपंथ को न मानने वालों के बीच एक ज़ुमला खासा मशहूर है कि देश भर के लेफ्टिस्टों को एक पिंजरे में बंद करने के लिए इंदिरा गाँधी ने जेएनयू बनाया। जेएनयू ही वो जगह है जहाँ (1969 से 2016 तक एक उदाहरण को छोड़कर जब 2001 में एबीवीपी के संदीप महापात्र कुछ वोटों से जीत गए थे) चुनाव दर चुनाव वामपंथ अपना किला सलामत रख सका है।
वीडियो को शेयर करते हुए सचिन ने आचरेकर सर को बधाई देते हुए कहा, "हैप्पी टीचर्स डे! आपने मुझे जीवन में जो पाठ सिखाए वो मेरे लिए हमेशा मददगार साबित हुए। एक ऐसा वाकया साझा कर रहा हूं। जिसने मेरी जिंदगी बदल दी।"