संसद के मानसून सत्र में कांग्रेस ने इस सत्र में जीएसटी विधेयक पर अपना पूरा सहयोग देने को कहा है। लेकिन कुछ ऐसे महत्वपूर्ण मसले हैं जिन पर वह केंद्र की मोदी सरकार पर हमलावर अवश्य करेगी। कांग्रेस अरुणाचल प्रदेश और उत्तराखंड में न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद अपनी वापसी की है। इन दो राज्यों की सत्ता में वापसी के बाद कांग्रेस विशेष रुप से उत्साहित है।
अरूणाचल प्रदेश में कांग्रेस विधायक दल के नवनिर्वाचित नेता पेमा खांडू ने आज राज्य के नौवें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। शपथ ग्रहण के साथ ही 37 वर्षीय खांडू देश के सबसे युवा मुख्यमंत्री बन गए।
अरुणाचल प्रदेश में कांग्रेस का क्राइसिस मैनेजमेंट रंग लाने लगा है। वहां विधानसभा में कांग्रेस द्वारा बहुमत साबित कर लिए जाने की संभावना बन रही है। कांग्रेस विधायक दल ने मुख्यमंत्री के लिए नबाम तुकी के स्थान पर पेमा खांडू को अपना नया नेता चुना। खांडू ने दो निर्दलीयों और कांग्रेस के 45 विधायकों के समर्थन का दावा किया है। इनमें 15 विधायक पहले से नबाम तुकी के साथ बने हुए थे। 30 विधायक बागी नेता कलिखों पुल के साथ लौट आए हैं। पुल बागी होकर भाजपा के समर्थन से मुख्यमंत्री बने थे। उन्हें उच्चतम न्यायालय ने हाल ही में अपदस्थ कर दिया था।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद अरुणाचल प्रदेश में कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के बीच जोर-आजमाइश तेज हो गई है। नाबाम तुकी द्वारा मुख्यमंत्री पद का शपथ लेने के बाद कांग्रेस नेतृत्व ने भाजपा के खेमे में चले गए विधायकों से संपर्क कर उन्हें वापस बुलाने का प्रयास शुरू कर दिया है। दूसरी ओर, भाजपा के समर्थन से फरवरी में मुख्यमंत्री बनाए गए कांग्रेस के बागी कलिखों पुल ने गुवाहाटी में 30 विधायकों के साथ प्रेस कांफ्रेंस कर दावा किया, `संख्या बल मेरे ही साथ है। कानूनन, मैं ही अरुणाचल प्रदेश का मुख्यमंत्री हूं।'
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने अरूणाचल प्रदेश पर उच्चतम न्यायालय के फैसले को लेकर प्रधानमंत्राी नरेन्द्र मोदी पर यह कहते हुए निशाना साधा कि यह पूरा फैसला पीएम को लोकतंत्र की महत्ता बताने के लिए सटीक है।
सरकार को अगले छह महीने में सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों में रणनीतिक विनिवेश की प्रक्रिया आगे बढ़ाने की उम्मीद है। नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढि़या ने कहा कि इसके अलावा सरकार उन बीमार कंपनियों को बंद करने पर भी विचार कर रही है जिनका पुनरोद्धार संभव नहीं है।
भारत के बैंकिंग क्षेत्र पर मुख्य तौर पर 2011-13 के दौरान अटकी परियोजनाओं के कारण कुछ दबाव है और इन परियोजनाओं की मुश्किलें दूर करने की कोशिशें की जा रही है।
ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से बाहर निकलने से देश के 108 अरब डालर के सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) उद्योग को कुछ समय के लिए अनिश्चितता की स्थिति से जूझना पड़ सकता है।