Advertisement

Search Result : "family report"

बंपर उत्पादन के चलते 16 फीसदी गिरी दलहन किसानों की आमदनी

बंपर उत्पादन के चलते 16 फीसदी गिरी दलहन किसानों की आमदनी

रिपोर्ट में कहा गया है कि चने को छोड़कर अन्य दालों में मुनाफा 30 फीसदी कम हुआ है। जहां दलहनों की कीमतों में गिरावट आ रही है, वहीं इसकी उत्पादन लागत लगातार बढ़ रही है।
यूपी विधानसभा में मिले पाउडर को खतरनाक PETN  बताने वाले फॉरेंसिक लैब डायरेक्टर निलंबित

यूपी विधानसभा में मिले पाउडर को खतरनाक PETN बताने वाले फॉरेंसिक लैब डायरेक्टर निलंबित

12 जुलाई को उत्तरप्रदेश विधानसभा में 150 ग्राम संदिग्ध पाउडर मिलने का खुलासा हुआ। जिसके बाद लखनऊ के फारेंसिक लैब ने फॉरेंसिक जांच मे विस्फोटक मिलने की पुष्टि की थी।
तेजस्वी का सुशील मोदी पर तंज, कहा- घोटालों मे फंसते हैं तो परिवार को भी नकार देते हैं

तेजस्वी का सुशील मोदी पर तंज, कहा- घोटालों मे फंसते हैं तो परिवार को भी नकार देते हैं

सृजन घोटाला में रेखा मोदी का नाम सामने आया हैं, जिसके बाद बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी आरजेडी के निशाने पर आ गए हैं।
मिसाल: मुस्लिम परिवार ने हनुमान मंदिर के लिए दान की अपनी जमीन

मिसाल: मुस्लिम परिवार ने हनुमान मंदिर के लिए दान की अपनी जमीन

साम्प्रदायिक सौहार्द की मिसाल पेश करते हुए मध्य प्रदेश में 34 वर्षीय एक मुस्लिम व्यक्ति ने हनुमान मंदिर के लिए अपनी जमीन दान में दी।
99 फीसदी पुराने नोट वापस तो कहां है काला धन, नोटबंदी पर उठे सवाल

99 फीसदी पुराने नोट वापस तो कहां है काला धन, नोटबंदी पर उठे सवाल

लंबे इंतजार के बाद भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने नोटबंदी का पूरा हिसाब-किताब पेश किया। लेकिन इन आंकड़ों ने नोटबंदी के दावों पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं।
नोटबंदी के बाद 99 फीसदी नोट वापस आने पर सोशल मीडिया पर लोगों ने जताया आक्रोश

नोटबंदी के बाद 99 फीसदी नोट वापस आने पर सोशल मीडिया पर लोगों ने जताया आक्रोश

रबीआई पर नोटबंदी के व्यापक असर को देखते हुए सिर्फ एक फीसदी नोटों का बैंकों में वापस न आना चौकाने वाला आंकड़ा है। इससे नोटबंदी के औचित्य पर ही सवाल खड़े होने लगे हैैं।
देश में कर्जदार हैं लगभग 4.69 करोड़ किसान, औसतन 3.20 लाख रुपये का कर्ज

देश में कर्जदार हैं लगभग 4.69 करोड़ किसान, औसतन 3.20 लाख रुपये का कर्ज

एक तरफ तो यह नीतियां किसान को कर्जदार बनाती है, तो वहीं दूसरी ओर किसानों को कम समर्थन मूल्य और खुले बाजार को ताकत देकर किसानों को ऐसी स्थिति में पंहुचाती है, जहां वे ब्याज तो छोड़िये, मूलधन भी चुकाने की स्थिति में नहीं रह जाते हैं।
Advertisement
Advertisement
Advertisement