केन्द्र का कहना है, “सवाल यह है कि ऐसी परिस्थिति में अदालत किन साक्ष्यों को आधार बनाएगी, क्योंकि पति और पत्नी के बीच यौन संबंध का कोई अंतिम साक्ष्य नहीं हो सकता।”
एक तरफ तो यह नीतियां किसान को कर्जदार बनाती है, तो वहीं दूसरी ओर किसानों को कम समर्थन मूल्य और खुले बाजार को ताकत देकर किसानों को ऐसी स्थिति में पंहुचाती है, जहां वे ब्याज तो छोड़िये, मूलधन भी चुकाने की स्थिति में नहीं रह जाते हैं।
बुधवार को उत्तर प्रदेश सरकार कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश विवाह पंजीकरण नियमावली 2017 को मंजूरी दे दी है। इस फैसले के लागू होने के बाद अब सभी वर्गों को पंजीकरण कराना जरूरी होगा।
लॉ कमीशन ने शादियों के लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य बनाने की सिफारिश की है। साथ ही सरकार से मैरिज रजिस्ट्रेशन को आधार से लिंक करने पर भी विचार करने की बात कही है।