एनडीटीवी के प्रमोटर प्रणय रॉय पर हुई सीबीआई की कार्रवाई को लेकर कुछ नेताओं के बयान आए हैं। वहीं कुछ नेताओं ने चुप्पी साध ली है। जहां मीडिया जगत में इस कार्रवाई को दुर्भावनापूर्ण हमला माना जा रहा है, वहीं राजनीतिक हलकों में भी कुछ नेता प्रणय रॉय और एनडीटीवी के समर्थन में उतर आए हैं। लेकिन कई बड़े नेता जो अक्सर अलग-अलग मसलों पर ट्वीट करते रहते हैं उनका यहां मौन रहना समझ से परे है।
आरएसएस के एक बड़े नेता ने गोरक्षा को लेकर बड़ा बयान दिया है। कहा गया कि गोरक्षा को लेकर राजनीति करना काफी दुर्भाग्यपूर्ण है। इसे संघर्ष का रूप देना सामाजिक पाप है।
फिल्म निर्देशक अलंकृता श्रीवास्तव का मानना है कि भारत का सेंसर बोर्ड दरअसल देश के नागरिकों का प्रतिनिधित्व ही नहीं करता है। इसलिए फिल्मकारों को अपनी तीखी कहानियों को बयां करने के लिए कठोर रुख अपनाना होगा। उन्होंने अपनी ‘लिपस्टिक अंडर माई बुरका’ को लेकर उठे विवाद के बाद कहा, भारत में महिलाएं उतनी आजाद नहीं हैं जितना कि वो होने की कल्पना करती हैं।
पाकिस्तान में नागरिक समाज के सदस्यों और शिक्षाविदों ने भारतीय स्वतंत्राता सेनानी भगत सिंह, राजगुरू और सुखदेव की 86वीं पुण्यतिथि के मौके पर मांग उठाई है कि इन तीनों की अन्यायपूर्ण हत्याओं के लिए ब्रिटेन की महारानी को सार्वजनिक तौर पर माफी मांगनी चाहिए।