उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि अब सपा सरकार बनेगी तो हम चांद पर लोहिया आवास देंगे। यह बात उन्होंने भाजपा पर तंज कसते हुए कही।
अगर आपने किसी प्रोजेक्ट में फ्लैट बुक करा रखा है और बिल्डर समय-सीमा बीत जाने के बाद भी आपको फ्लैट का पजेशन नहीं दे रहा है तो अब बिल्डर को आपको मुआवजा देना पड़ेगा। यह रकम ब्याज के रूप में होगी। घर देने में देरी करने वाले बिल्डरों को अब खरीदारों को उनके द्वारा चुकाई गई रकम पर 10 फीसदी की दर से ब्याज के रूप में मुआवजा देना पड़ेगा।
पहली मई से देश में रियल एस्टेट कानून लागू हो जाएगा। इसके बाद तीन माह के भीतर सभी रियल एस्टेट कारोबारियों को रिय एस्टेट रेगुलेटर्स के पास अपना पंजीकरण कराना होगा। अन्यथा कानूनी कारवाई के लिए तैयार रहें।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को झारखंड में गंगा पुल का शिलान्यास किया, मल्टी मॉडल बंदरगाह की आधारशिला के साथ ही साहिबगंज-गोविंदपुर मनिहारी सड़क का शुभारंभ भी किया। गंगा नदी पर बनाया जाने वाला यह पुल राज्य के साहेबगंज से बिहार के मनिहारी को जोड़ेगा जो 21.9 किलोमीटर लंबा होगा।
देश के 9 प्रमुख शहरों में जुलाई-सितंबर की अवधि में घरों की बिक्री 12 प्रतिशत बढ़कर 54,721 इकाई रही। ऑनलाइन रीयल एस्टेट पोर्टल प्रॉप टाइगर की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। हालांकि, 9 प्रमुख शहरों- मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, हैदराबाद, बेंगलुर, अहमदाबाद, गुड़गांव, नोएडा और पुणे में घरों की बिक्री इससे पिछली तिमाही के 55,000 इकाई के आंकड़े से एक प्रतिशत कम रही। चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में घरों की कुल बिक्री में मुंबई, पुणे और बेंगलुर का हिस्सा 57 प्रतिशत का रहा।
भारत के बैंकिंग क्षेत्र पर मुख्य तौर पर 2011-13 के दौरान अटकी परियोजनाओं के कारण कुछ दबाव है और इन परियोजनाओं की मुश्किलें दूर करने की कोशिशें की जा रही है।
दिल्ली सरकार ने नगर निगमों के लिए 1000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आवंटित राशि देते हुए निगमों को धन का उचित इस्तेमाल करने की हिदायत दी है। वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने दिल्ली का बजट पेश करते हुए राष्ट्रीय राजधानी के नगर निगमों के लिए 6919 करोड़ रुपये की घोषणा की है।
आवास एवं शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्री एम.वेंकैया नायडू ने देश में किराये के मकानों के निर्माण को बढ़ावा देने की जरूरत पर बल दिया है। उन्होंने कहा कि किराये के मकान असल में स्वामित्व वाले मकानों के बजाय ज्यादा समावेशी हैं, जिस पर सरकारें विशेष जोर देती रही हैं।