रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने अपने ताजा हमले में अमेरिका के न्याय विभाग पर निशाना साधा है। ट्रंप ने विभाग पर अपनी प्रतिद्वंद्वी हिलेरी क्लिंटन को ईमेल विवाद में बचाने की कोशिश का आरोप लगाया है।
केरल की एलडीएफ सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्ति में भाई-भतीजावाद को रोकने के लिए एक कानून लाने का निर्णय लिया है। औद्योगिक विभाग के अधीन सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में कुछ नियुक्तियों को लेकर हुए विवाद के चलते यह निर्णय लिया गया है।
सीबीआई ने इस साल फरवरी में रोहतक में हुए जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान हिंसा एवं आगजनी की घटनाओं की जांच के लिए आज तीन मामले दर्ज किए। इनमें हरियाणा के वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु का घर जलाए जाने की घटना से संबंधित मामला भी शामिल है।
मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार ने अपने ही आंकड़ों से अपने लिए बवाल खड़ा कर दिया। मामला पोषाहार बजट का है। सरकार ने बजट ज्यादा दिखाने के लिए आंकड़ों में एक करोड़ से भी ज्यादा बच्चों को पोषाहार बांटने का दावा किया है। लेकिन यह आंकड़ा खुद सरकार के लिए ही मुसीबत खड़ी करने वाला है।
उच्चतम न्यायालय ने मोबाइल टावरों से होने वाले विकीरण के खतरनाक प्रभावों पर केंद्र सरकार से कई सवाल पूछते हुए इस तरह के उत्सर्जन के मानकों को लागू करने के लिए उठाए गए कदमों रिपोर्ट मांगी है।
सरकार की एक अप्रैल से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू करने की योजना के साथ राजस्व विभाग के समक्ष 60,000 फील्ड अधिकारियों को प्रशिक्षण देने की एक बड़ी चुनौती है। विभाग अब तक केवल 3,074 कर्मियों को ही जरूरी प्रशिक्षण उपलब्ध करा पाया है।
अमेरिकी शोध संस्था की एक ताजा रपट में इस मान्यता को चुनौती दी गयी है कि दूसरे देशों से अमेरिका में आव्रजन करने वाले लोग अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर बोझ हैं। रपट में कहा गया है कि वर्ष 2015-16 में आव्रजकों ने अमेरिकी अर्थव्यवस्था में 2,000 अरब डालर का योगदान किया और ऐसे विदेशियों में भारत से आए लोगों का समूह सबसे उद्यमशील समूह है।
भाजपा शासित मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में आय घोषणा योजना आईडीएस के बाद कालाधन घोषित करने वालों की संख्या में खासी बढ़ोतरी हुई है। इन दोनों राज्यों में 20 दिनों में लोगों की संख्या 193% बढ़ी है। इस योजना के प्रारंभ में इन दो राज्यों में बिना पैन के 36,000 लेन-देन की जानकारी विभाग के पास थी। इन सभी को नोटिस जारी किए गए थे। इसके बाद काफी लोगों ने अपनी आय घोषित की।
हरियाणा में राजस्व विभाग के रिकॉर्ड की खामी की वजह से एक किसान की अधिग्रहित की गई जमीन का मुआवजा किसी दूसरे को दे दिया गया। अब आठ साल बाद जाकर अधिकारियों ने अपनी गलती मानी है और जल्द मुआवजा दिलाने की बात कही है।