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इरोम शर्मिला खत्म करेंगी सोलह साल से जारी अनशन, लड़ेंगी चुनाव

इरोम शर्मिला खत्म करेंगी सोलह साल से जारी अनशन, लड़ेंगी चुनाव

मणिपुर में सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून (अफ्सपा) की आड़ में सेना के कथित अत्याचारों के खिलाफ पिछले 16 सालों से अनशन पर रहकर विरोध कर रहीं इरोम शर्मिला अपना अनशन खत्म करेंगी। उन्होंने अपना विरोध जारी रखते हुए अगले साल राज्य विधानसभा का चुनाव लड़ने की घोषणा की है।
चीन ने कई ऑनलाइन समाचार साइट्स को किया बंद

चीन ने कई ऑनलाइन समाचार साइट्स को किया बंद

चीन ने कई ऑनलाइन समाचार पत्रों का संचालन बंद कर दिया है। इससे पहले अधिकारियों ने स्वतंत्र रिपोर्टिंग और संभवत: संवेदनशील विषयों के बारे में लेख प्रकाशित करने को लेकर उनकी आलोचना की थी।
कांग्रेस विधायकों ने नहीं माना आलाकमान का निर्देश, सुभाष चंद्रा जीते

कांग्रेस विधायकों ने नहीं माना आलाकमान का निर्देश, सुभाष चंद्रा जीते

हरियाणा से राज्यसभा के लिए हुए चुनाव में भाजपा समर्थित सुभाष चंद्रा जीत गए हैं। चंद्रा ने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर यह चुनाव लड़ा था। चंद्रा की जीत में कांग्रेस विधायकों की बड़ी भूमिका मानी जा रही है।
लश्कर की आत्मघाती हमलावर थी इशरत जहां: हेडली

लश्कर की आत्मघाती हमलावर थी इशरत जहां: हेडली

पाकिस्तानी अमेरिकी आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली ने गुरुवार को लगातार तीसरे दिन मुंबई की अदालत के समक्ष कई सनसनीखेज खुलासे किए। पहले तो उसने आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा में किसी महिला की संलिप्तता से इनकार किया लेकिन बाद में सरकारी वकील उज्ज्वल निकम के सवाल पर बताया कि इशरत जहां लश्कर की आत्मघाती हमलावर थी।
मुनव्वर की मनुहार करेंगे मोदी

मुनव्वर की मनुहार करेंगे मोदी

देश में बढ़ती धार्मिक असहिष्णुता के विरोध में पिछले दिनों अपना साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटाने वाले मशहूर शायर मुनव्वर राना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बुलावे पर जल्द ही उनसे मुलाकात करेंगे।
अवॉर्ड लौटाने वालों में मुनव्वर राणा भी शामिल

अवॉर्ड लौटाने वालों में मुनव्वर राणा भी शामिल

पिछले कुछ दिनों से पुरस्कार लौटा रहे लेखकों की सूची में नया नाम शायर मुनव्वर राणा का जुड़ गया है। इस मौके पर उन्होंने कहा, विरोध दर्ज कराने का इससे मजबूत और कोई जरिया नहीं है।
अजान हो तो रोक दो मंदिर की घंटियां

अजान हो तो रोक दो मंदिर की घंटियां

खुलना से ढाका की ओर मैंने जब रवानगी डाली तो दिन के दो बज रहे थे। खुलना से ढाका की दूरी मात्र 132 किलोमीटर है। लेकिन यह 132 किलोमीटर का सफर तय करने में मुझे पूरे नौ घंटे लगे। बीच में गंगा नदी को भी पार करना होता है, जो यहां आकर पद्मा बन जाती है। इस नदी पर कोई पुल नहीं है। बस, ट्रक, रिक्शे, सभी एक बड़े शिप पर सवार होते हैं और फिर उस पार पहुंचा दिए जाते हैं।
गंगा-जमुनी तहजीब बयां करते महरौली के पत्‍थर

गंगा-जमुनी तहजीब बयां करते महरौली के पत्‍थर

एक गिरजाघर है जो मंदिर सा दिखता है... और मस्जिद सा भी। एक त्यौहार है जो मुगलों के दौर से चला आ रहा है... जी हां , महरौली का हर पत्थर कुछ बोलता है और हिंदुस्तान की नायाब गंगा-जमुनी तहजीब के तराने सुनाता है।
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