भारत ने एक अद्भुत अंतरिक्ष कूटनीति को अपना कर आगे बढ़ने का सिलसिला शुरू कर दिया है। पहली बार भारत दक्षिण एशियाई देशों को 450 करोड़ रूपये के एक खास तोहफे के जरिए लीक से हटकर अतंरीक्ष कूटनीति को आजमा रहा है।
भारत ने सोमवार को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से पहली बार स्वदेशी, पुन: इस्तेमाल किए जा सकने वाला प्रक्षेपण यान (आरएलवी) प्रक्षेपित किया। यह भारत का अपना खुद का अंतरिक्ष यान है। स्वदेशी स्पेस शटल का सफल परीक्षण कर भारत ने अंतरिक्ष में एक और कामयाबी हासिल कर ली।
तुर्की ने मंगलवार को सीरिया की सीमा पर एक सैन्य विमान को मार गिराया है। यह सैन्य विमान रूस का था जिसकी पुष्टि रूस की ओर से कर दी गई है। तुर्की की इस कार्रवाई के बाद दोनों देशों के बीच तनाव के बढ़ने की संभावना जताई जा रही है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) अगले महीने ऐसे रॉकेट का प्रक्षेपण करने वाला है जिसे दोबारा इस्तेमाल में लाया जा सके। अगर भारत का यह प्रक्षेपण सटीक रहा तो भविष्य में उपग्रहों को अंतरिक्षण में भेजने की लागत में बहुत कमी हो जाएगी क्योंकि हर बार नया रॉकेट नहीं इस्तेमाल करना पड़ेगा।
नासा का अंतरिक्ष यान मैसेंजर बुध ग्रह की सतह पर क्षतिग्रस्त हो गया है, जिसके कारण इसके ऐतिहासिक 11 वर्षीय अभियान का अंत हो गया। इस अभियान ने ग्रह के बारे में महत्वपूर्ण आंकड़े और इसकी हजारों तस्वीरें उपलब्ध करवाई थीं।