हरियाणा विधानसभा में जैन संत तरुणसागर महाराज के कड़वे प्रवचन पर वाद-विवाद चल रहा है। पक्ष-विपक्ष के बीच वह अब तक कहां-कहां प्रवचन देने गए हैं इसका लेखा-जोखा निकाला जा रहा है।
जैन मुनि तरूण सागर के हरियाणा विधानसभा को संबोधित करने पर अपनी व्यंग्यात्मक टिप्पणी के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सहित कई हलकों से आलोचनाओं के घेरे में आए आम आदमी पार्टी (आप) के समर्थक और संगीतकार विशाल ददलानी ने हर तरह के राजनीतिक कार्य से दूरी बनाने की घोषणा की है। ददलानी ने यह भी कहा कि पार्टी छोड़ने का फैसला पूरी तरह उनका अपना है।
एक गरिमामय समारोह में डॉ. सुनीता जैन को उनकी कृति क्षमा के लिए 25वां व्यास सम्मान प्रदान किया गया। डॉ. जैन ने क्षमा के माध्यम से तुलसीदास-रत्नावली के संबंधों का मार्मिक वर्णन किया है।
आईआईटी खड़गपुर इस महीने गूगल स्कॉलर के सह संस्थापक अनुराग आचार्य और बर्कशायर हैथवे के सीईओ वारेन बफेट के संभावित उत्तराधिकारी अजित जैन को संस्थान के प्रतिष्ठित छात्र पुरस्कार से सम्मानित करेगा। 30 जुलाई से 31 जुलाई तक चलने वाले संस्थान के 62वें दीक्षांत समारोह में सात पूर्व छात्रों को उद्योग, शिक्षा एवं उद्यमी के तौर पर उनकी असाधारण पेशेवर उपलब्धियों के लिए सम्मानित करने का निर्णय किया गया है।
देहरादून जिले के चकराता क्षेत्र के एक मंदिर में दलितों को प्रवेश दिलाने गए भाजपा सांसद तरुण विजय पर उग्र भीड़ ने पथराव कर दिया। जिसमें तरुण विजय को चोटें आई हैं। भाजपा सांसद को उपचार के लिये एक अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां उनकी हालत अब सामान्य है।
असम विधान सभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी ने अपने दृिष्टनकोण पत्र में बांग्लादेशी अल्पसंख्यकों की घुसपैठ को प्रमुख मुद्दा बनाया है। घुसपैठ इस क्षेत्र की समस्या रही है, लेकिन इसे सांप्रदायिक रंग देना उचित नहीं लगता। खासकर यह आरोप लगाना कि तरुण गोगोई नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार पिछले 15 वर्षों से घुसपैठ को बढ़वा दे रही थी।
आत्मकथाएं वैसे भी अलग से रेखांकित की जाती हैं। ऐसे में यदि कोई आत्मकथा स्त्री द्वारा लिखी गई हो, इसके प्रति उत्सुकता बढ़ना स्वाभाविक है। और यदि यह आत्मकथा अध्यापक, आलोचक निर्मला जैन की हो तो जिज्ञासा कहां तक पहुंचेगी यह नापने का कोई पैमाना नहीं है।
देश में बढ़ती असहिष्णुता के खिलाफ पुरस्कार लौटाने के तरीके पर असहमति जताते हुए मशहूर अभिनेता कमल हासन ने कहा कि पुरस्कार वापस करना इस समस्या का कोई समाधान नहीं है क्योंकि ध्यान आकर्षित करने के और भी तरीके हैं।
संगीत सरहदें नहीं जानती, जाति, धर्म और बंटवारा नहीं मानती। पत्तों-पत्तों, हवाओं के रेशों-रेशों, बादलों के रुनझुन सी बूंदों में, हर रंगों की झलकियों में प्रतिपल ध्वनियां प्रवाहित होती हैं।