मध्यप्रदेश के आदिवासी जिले झाबुआ का यह मुर्गा कोई आम मुर्गा नहीं है। आप इसे देसी वियाग्रा भी कह सकते हैं। चटख काले रंग के इस मुर्गे की मांग पाकिस्तान तक बताई जाती है। विलुप्त हो रही इस दुलर्भ प्रजाति का मांस बहुत सी बीमारियों को जड़ से खत्म करता है। यहां बात हो रही है कड़कनाथ मुर्गे की।