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कांग्रेस के साथ गठबंधन पर निर्णय एक-दो दिन में : अखिलेश

कांग्रेस के साथ गठबंधन पर निर्णय एक-दो दिन में : अखिलेश

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी :सपा: प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि वह हमेशा अपने पिता सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के साथ मिलकर चलेंगे और कांग्रेस के साथ गठबंधन पर एक-दो दिन में निर्णय ले लिया जाएगा।
उत्तर प्रदेश में विकास का 14 साल का वनवास खत्म करे जनता : मोदी

उत्तर प्रदेश में विकास का 14 साल का वनवास खत्म करे जनता : मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कहा कि उत्तर प्रदेश में विकास पिछले 14 साल से वनवास भोग रहा है और भाजपा कार्यकर्ताओं को जनता को राहत दिलाने के लिये राज्य का आगामी विधानसभा चुनाव एक जिम्मेदारी के तौर पर लड़ना होगा। मोदी ने एक बार फिर सबका साथ-सबका विकास का नारा बुलन्द करते हुए प्रदेश की जनता का आहवान किया कि वह जात-पात और अपने-पराये की भावना से उपर उठकर विकास के लिये भाजपा को वोट दे।
पिछले साल भाजपा सरकारों ने अपने ही कुछ आदेशों पर लिया यू-टर्न

पिछले साल भाजपा सरकारों ने अपने ही कुछ आदेशों पर लिया यू-टर्न

भारतीय जनता पार्टी को सत्ता में आये हुये ढाई साल से ज्यादा का समय गुजर चुका है। इस दौरान सरकार ने जहां एक ओर देश की तस्वीर बदलने वाले विमुद्रीकरण जैसे बड़े फैसले लिये, वहीं दूसरी ओर उसे राजनीतिक फायदे अथवा राजनीतिक-सामाजिक विरोध के कारण अपने कुछ फैसलों से यू-टर्न भी लेना पड़ा।
हिन्दुस्तानी से हिंग्लिश की ओर बढ़ते हुये बीता हिन्दी का 21वीं सदी का 16वां साल

हिन्दुस्तानी से हिंग्लिश की ओर बढ़ते हुये बीता हिन्दी का 21वीं सदी का 16वां साल

21वीं सदी के 16वें साल में हिन्दी अपने मिजाज के मुताबिक व्याकरण की जकड़बंदी से निकलकर उर्दू मिश्रित हिन्दुस्तानी से होते हुये अंग्रेजीनुमा हिंग्लिश की ओर बढ़ती रही। बोलचाल अथवा संप्रेषण के स्वनियम पर आधारित हिन्दी में इस साल जहां एक ओर अन्य भाषाओं और ज्ञान-विज्ञान के विभिन्न इलाकों से आने वाले शब्दों को जगह मिली, वहीं दूसरी ओर फेसबुक-ट्विटर और कंप्यूटर के बढ़ते इस्तेमाल से हैश-टैग और एट दि रेट आॅफ जैसे निशान भी हिन्दी में शामिल होते गये।
भाजपा नेता ने कराए 100 करोड़ सफेद : ड्राइवर का सुसाइड नोट

भाजपा नेता ने कराए 100 करोड़ सफेद : ड्राइवर का सुसाइड नोट

कर्नाटक के खनन उद्योग के किंग और पूर्व मंत्री जनार्दन रेड़्डी काला धन को लेकर एक बार फिर विवादों में आ गए हैं। रेड्डी के करीबी एक प्रशासनिक अधिकारी के ड्राइवर ने आत्महत्या कर ली है और अपने सुसाइड नोट में दावा किया है कि उक्त अधिकारी के जरिये रेड्डी ने अपना करोंडों का काला धन सफेद कर लिया है।
अपनी छवि में कैद हो गए हैं मोदी,  कर रहे हैं टीआरपी की राजनीति : राहुल गांधी

अपनी छवि में कैद हो गए हैं मोदी, कर रहे हैं टीआरपी की राजनीति : राहुल गांधी

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर तीखा प्रहार करते हुए आरोप लगाया कि वह अपनी छवि में कैद हो गए हैं और टीआरपी की राजनीति कर रहे हैं जबकि देश को उनके गुरूर और अक्षमता के कारण नुकसान उठाना पड़ा है।
बेटी की भव्य शादी, आयकर विभाग की जांच के दायरे में जनार्दन रेड्डी

बेटी की भव्य शादी, आयकर विभाग की जांच के दायरे में जनार्दन रेड्डी

हाल ही में अपनी बेटी की भव्य शादी को लेकर चर्चा में रहे खनन कारोबारी जी जनार्दन रेड्डी मंगलवार को आयकर विभाग की जांच के घेरेे में आ गए। विभाग ने उनसे शादी के खर्च के बारे में स्पष्टीकरण देने को कहा और उनकी कंपनियों के कार्यालयों की छानबीन की। अधिकारियों ने बताया कि आयकर विभाग ने रेड्डी को उनकी बेटी की शादी के खर्च के संदर्भ में ब्यौरा मांगते हुए एक प्रशनावली दी और कहा कि वह 25 नवंबर तक जवाब दें।
एकता हमारे वैविध्य का ही प्रतीक है: कपिल कपूर

एकता हमारे वैविध्य का ही प्रतीक है: कपिल कपूर

साहित्य अकादेमी की ‘राष्ट्रीय भावात्मक एकता: भारतीय भाषा और साहित्य के संदर्भ में’ विषयक दो दिवसीय संगोष्ठी के समापन पर कपिल कपूर ने कहा, भारत का एकत्व ज्ञान की परंपरा के कारण ही है।
ट्रंप के खिलाफ प्रदर्शन : समूचे अमेरिका में लाखों लोग सड़कों पर उतरे

ट्रंप के खिलाफ प्रदर्शन : समूचे अमेरिका में लाखों लोग सड़कों पर उतरे

अमेरिका के राष्‍ट्रपति पद के चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत के खिलाफ प्रदर्शन के लिए समूचे अमेरिका में लाखों लोग सड़कों पर उतरे और उनके कट्टर एवं नस्लवादी विचारों की आलोचना करते हुए आव्रजन एवं मुस्लिमों पर चुनावी घोषणाओं के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।
‘भाषा का कोई धर्म नहीं होता, बल्कि मजहब को भाषा की जरूरत होती है’

‘भाषा का कोई धर्म नहीं होता, बल्कि मजहब को भाषा की जरूरत होती है’

उर्दू जबान की तरक्की के लिए फिक्रमंद साहित्यकारों और शिक्षाविदों का मानना है कि इस भाषा को सिर्फ मुसलमानों की जबान के तौर पर पेश कर एक दायरे में सीमित करने की कोशिशें की जा रही हैं जबकि असलियत यह है कि यह पूरे देश में और विभिन्न समुदायों में बोली जाती है और इसके विकास में सभी का अहम योगदान है। इसके अलावा उर्दू और हिंदी छोटी और बड़ी बहने हैं और इनमें आपस में कोई टकराव नहीं है।