तनावपूर्ण और अनियमित जीवनशैली, बच्चों को स्तनपान नहीं करवाना, धूम्रपान और प्रदूषण महिलाओं में स्तन कैंसर का जोखिम बढ़ाते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक देश में स्थिति पहले ही काफी खराब है। भारत में हर साल स्तन कैंसर के एक लाख नए मामले सामने आ रहे हैं और चिकित्सकों का मानना है कि बदलती जीवनशैली और कामकाज के तरीके ऐसे ही रहे तो ये मामले और बढ़ेंगे।