एक तरफ जहां मोदी सरकार तीन साल पूरे होने पर जश्न मना रही है, वहीं कांग्रेस ने बीजेपी सरकार पर जोरदार हमला बोला है। भाजपा पर हमला बोलते हुए कांग्रेस नेता कमलनाथ ने कहा कि भाजपा ने जश्न के नाम पर 2000 करोड़ रूपए खर्च किए हैं। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के 3 साल को 'भाषण और आश्वासन, ये है मेरा शासन' के रूप में समझा जा सकता है।
भाजपा सरकार को आज सत्ता संभालते हुए तीन साल हो गए हैं। इस अवसर पर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने पिछले तीन सालों में मोदी सरकार की उपलब्धियों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इन तीन सालों के दौरान देश की जनता का आत्मविश्वास बढ़ा है।
उत्तर प्रदेश की बिगड़ती कानून-व्यवस्था मोदी सरकार के तीन साल के जश्न का मजा किरकिरा कर सकती है। मोदी और योगी पर हमले के मुद्देे तलाश रहे विपक्ष को सहारनपुर हिंसा और ग्रेटर नोएडा में चार महिलाओं से गैंगरेप की घटना ने बड़ा मुद्दा दे दिया है।
कश्मीर में युवक को जीप से बांधकर घुमाने वाले मेजर लिथुल गोगोई ने कहा है कि अगर ऐसा न किया होता तो कश्मीर में उस दिन कई लोगों की जानें जा सकती थी। सेना ने हाल ही में मेजर लिथुल गोगोई को सम्मानित किया है।
केन्द्र में अपने तीन साल पूरे करने जा रही भाजपा जहां जश्न की तैयारी में है, वहीं आम आदमी पार्टी ने मोदी सरकार के खिलाफ ट्विटर वार छेड़ दिया है। आज सुबह से ही ट्विटर पर आप ने भाजपा को कई मोर्चों पर घेरने की कोशिश की है।
कोई शख्स अपने मां-बाप की जान कैसे ले सकता है? सिर्फ संपत्ति के लिए इतनी क्रूरता कैसे जाग सकती है? बीती रात एक चौंकाने वाली घटना सामने आई। एक शख्स ने अपने ही मां-बाप पर गोलियां चला दी।
क्या आपको पता है कि आठ सालों के भीतर पेट्रोल और डीजल से चलने वाली कारें गायब हो जाएंगी? यह बात सुनने में जरूर अटपटी लग रही हों लेकिन स्टैनफोर्ड के अर्थशास्त्री टोनी सेबा का मानना है कि ऐसा नजारा जल्द ही देखने को मिल सकता है।
मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन का मानना है कि मोदी सरकार ने तीन साल में देश को आर्थिक स्थिरता प्रदान की है और सुधारों की दिशा में बड़े कदम बढ़ाए हैं। सार्वजनिक संसाधनों के आवंटन में भ्रष्टाचार पर अंकुश और जैम व्यवस्था को वे मोदी सरकार की बड़ी उपलब्धियां मानते हैं। लेकिन यह भी स्वीकार करते हैं कि तेज आर्थिक वृद्धि दर के बावजूद रोजगार के मौकों की रफ्तार धीमी है। उन्होंने अर्थव्यवस्था की मौजूदा स्थिति और केंद्र सरकार के तीन साल के कामकाज से जुड़े कई अहम मु्द्दों पर आउटलुक के संपादक हरवीर सिंह से बेबाक बातचीत की। कुछ अंश: