चिरगांव, झांसी, उ.प्र. में जन्म। जवाहर लाल विश्वविद्याल से पीएच.डी। कहीं कुछ और, किशोरी का आसमां, एक न एक दिन और कुल जमा बीस, ये आम रास्ताव नहीं, कितने कठघरे उपन्यारस। एक नई सुबह, हाट बाजार, प्रेम संबंधों की कहानियां, अस्ताचल की धूप कहानी संग्रह। स्त्री विमर्श पर भी काम। सुनो तो सही ( आलोचनात्मंक पुस्तंक) बहेलिया समय में स्त्रीर दो पुस्तकें
पुरस्कांर / सम्मारन, युवा लेखन सर्जना पुरस्काधर ( उत्ततर प्रदेश हिंदी संस्थासन द्वारा ), आर्यस्मृसति साहित्यं सम्मा न (किताब घर प्रकाशन) किशोरी का आसमां पर अमृत लाल नागर पुरस्कार, कलमकार फाउंडेशन द्वारा अखिल भारतीय कहानी प्रतियोगिता में द्वितीय पुरस्कानर, उत्तपर प्रदेश हिंदी संस्था न द्वारा अस्तााचल की धूप कहानी संग्रह पर सर्जना पुरस्कावर। विभिन्नल विश्वविद्यालयों में कई उपन्या सों और कहानी संग्रहों पर शोध कार्य।
‘कसाब.गांधी@यरवदा.इन’ संग्रह पंकज सुबीर का तीसरा संग्रह है और अपने पूर्व के दो संग्रहों की ही तरह इसमें भी पंकज सुबीर की कहानियों की विषय वैविध्यता दिखाई देती है। कई कई विषयों को समेटे हुए दस कहानियां हैं। इनमें विषयों में सांप्रदायिकता है, आतंकवाद है, बचपन की फैंटेसी है, मध्यमवर्गीय जीवन है, देह के समीकरण हैं और कुछ रहस्य की कहानियां भी हैं। मतलब यह कि दस कहानियों में लगभग दस अलग-अलग विषयों को समेटने की कोशिश की गई है।
फेसबुक फिक्शन श्रृंखला की दूसरी किताब इश्क कोई न्यूज नहीं को पाठकों के बीच लाने की तैयारियां जोरों पर हैं। इस पुस्तक का प्रोमो लंदन में आयोजित एक कार्यशाला के बाद अनौपचारिक रूप से लांच किया गया।