Advertisement

Search Result : "outlook exclusive"

बहुत कुछ लगा है दांव पर

बहुत कुछ लगा है दांव पर

गुजरात के चुनाव में किसी भी दूसरे मुद्दे से ज्यादा अहम आर्थिक मुद्दे हैं। नोटबंदी के बाद जीएसटी का...
दीवार पर लिखी इबारत

दीवार पर लिखी इबारत

प्रधानमंत्री ने नोटबंदी का ऐलान करते वक्त जो मकसद बताए थे, वे रिजर्व बैंक की ताजा रिपोर्ट में खारिज होते दिखते हैं। अगर सरकार हकीकत को स्वीकार किए बगैर अपने तर्क देती रही तो अच्छे दिन की ओर बढ़ना आसान नहीं होगा।
‘‘जमीन पर काम हुआ है प्रमाण दिखा सकता हूं’’

‘‘जमीन पर काम हुआ है प्रमाण दिखा सकता हूं’’

केंद्र सरकार में ग्रामीण और शहरी विकास मंत्रालयों की जिम्मेदारियां संभाल रहे नरेंद्र सिंह तोमर की गिनती भाजपा के कद्दावर नेताओं में होती है। मध्यप्रदेश से आकर राष्ट्रीय राजनीति में अहम भूमिका निभाने वाले तोमर पार्टी के लिए संकटमोचक का काम भी करते रहे हैं।
आउटलुक ने मई में बताया था, राष्ट्रपति के लिए चल रहा है रामनाथ कोविंद का नाम

आउटलुक ने मई में बताया था, राष्ट्रपति के लिए चल रहा है रामनाथ कोविंद का नाम

एनडीए की ओर से बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाए जाने को बेहद अप्रत्याशित माना जा रहा है। हालांकि ‘आउटलुक’ के 8 मई 2017 के अंक में छपी एक स्टोरी में वरिष्ठ पत्रकार जयशंकर गुप्त ने लिखा था कि राष्ट्रपति के लिए भाजपा की ओर से रामनाथ कोविंद का नाम भी चल रहा है।
मनीष सिसोदिया का दावा,

मनीष सिसोदिया का दावा, "हम अलग हैं, अलग साबित होंगे"

दिल्ली नगर निगम चुनाव में हार के बाद पार्टी में मचे कोहराम से यह सवाल शिद्दत से खड़ा हो गया है कि क्या आम आदमी पार्टी बिखर जाएगी? क्या नई राजनीति की डाल उसके हाथ से छूट गई है? ऐसे सवालों पर अरविंद केजरीवाल के बाद आप के सबसे कद्दावर नेता, दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया फौरन कहते हैं, ‘‘टीवी बहस में तो हजारों बार दफन की जा चुकी है आप।’’ उन्हें पूरा भरोसा है कि आप जनता की उम्मीदों पर खरा उतरेगी। आउटलुक के संपादक हरवीर सिंह के साथ बातचीत में सिसोदिया ने विस्तार से पार्टी की हार के कारणों और आगे की रणनीति पर चर्चा की। प्रमुख अंश:
देश में अब सिर्फ हरा गलियारा रह जाएगा : रमन सिंह

देश में अब सिर्फ हरा गलियारा रह जाएगा : रमन सिंह

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने दावा किया कि छत्तीसगढ़ से नक्सलियों का बहुत जल्द सफाया हो जाएगा क्योंकि उनके नेतृत्व में सरकार राज्य में नक्सल प्रभावित इलाकों में सड़क, रेल तथा अन्य प्रकार के संपर्क बनाने में पूरी ताकत से जुड़ी है। उन्होंने दावा कि उनकी सरकार ने बस्तर के दुर्गम से दुर्गम इलाकों में जनवितरण प्रणाली के तहत एक रुपये किलो के दर से चावल और मुफ्त में नमक की आपूर्त‌ि सुनिश्चित कर दी है जिससे नक्सल प्रभावित इलाके के लोगों में सरकार के प्रति भरोसा बढ़ा है।
Advertisement
Advertisement
Advertisement