पलवल के बाद दिल्ली-एनसीआर में भी चोटी काटने का आतंक दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है। दिल्ली-एनसीआर में महिलाओं और बच्चियों की चोटी काटने के 11 और मामले सामने आने से दहशत का माहौल बन गया है।
मैंने मुजफ्फरनगर के सांप्रदायिक दंगों की कवरेज भी की थी। अताली (बल्लभगढ़-हरियाणा) के सांप्रदायिक दंगों और मुजफ्फरनगर के दंगों में बहुत सी समानताएं पाईं लेकिन असमानता है तो सिर्फ एक। वह यह है कि अताली के 150 से ज्यादा गांव छोड़ने वाले मुसलमानों का कहना है, ‘ इसे मुजफ्फरनगर नहीं बनने देंगे, यह अताली है अताली, गांव हमारा था, हमारा है, हम वहां जाएंगे। इंशाल्ला हो सका तो ईद गांव में होगी।’