अपनी कर्मभूमि बरेली में आज सुबह अंतिम सांसे ली, हिंदी के हस्ताक्षर कवि वीरेन डंगवाल ने। पिछले कुछ सालों से वह मुंह के कैंसर से बहादुराना लड़ाई लड़ रहे थे।
एनडीए के घटक दलों में हुए सीट समझौते के बाद गठबंधन के लगभग हर दल में नाराजगी है। लोजपा के रामा सिंह के बाद अब भाजपा के दो विधायकों ने टिकट न मिलने पर बागी रुख अख्तियार कर लिया है।
हजरत अमीर खुसरो की लिखी रुदार ए शिरीन एक ऐसी स्त्री की जीवन गाथा है जिसमें वह अपनी पहचान और अस्तित्व ढूंढने की कोशिश करती है। इसे संगीतमय रूप में दिल्ली घराने की महिला कलाकारों ने प्रस्तुत किया है। रुदार ए शिरीन यानी शिरीन की कहानी की मंच पर संगीतमय प्रस्तुति को दर्शकों ने खूब सराहा।
जाने-माने उर्दू कवि, आलोचक एवं वक्ता बशर नवाज का आज औरंगाबाद में निधन हो गया। वह कुछ समय से बीमार थे। हिंदी फिल्म बाजार का बेहद लोकप्रिय गीत ‘करोगे याद’ उन्होंने ही लिखा था।
प्रख्यात समाजवादी चिंतक, संपादक और कवि कमलेश का शनिवार सुबह दिल्ली में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया है। वह 78 वर्ष के थे और कुछ समय से बीमार चल रहे थे।
बीते पचास से भी ज्यादा वर्ष से शायरी और फिल्मी गीत लिख रहे गुलज़ार वैसे तो आधुनिक पीढ़ी के साथ लगातार तालमेल बिठाते रहे हैं लेकिन उनका कहना है कि वह कलम से कागज पर लिखने की अपनी पुरानी आदत नहीं बदल सकते।