प्रतिष्ठित मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल अमेरिकी सांसदों के बीच भारत सहित अन्य देशों में मानवाधिकार संरक्षकों की सुरक्षा के लिए लाॅबिंग कर रहा है। संगठन भोपाल गैस कांड के लिए जिम्मेदार अमेरिकी कंपनियों के खिलाफ राजनीतिक दबाव बनाने का भी प्रयास कर रहा है।
मार्क बाउचर की याद है आपको। हां, वही दक्षिण अफ्रीका के विकेटकीपर, पांच वर्ष पहले जिनकी आंख में उछलकर बेल्स लग गई थी और उन्हें वक्त से पहले क्रिकेट से संन्यास लेना पड़ गया था। लेकिन अब विकेटकीपरों को ऐसी गंभीर चोटों से बचाने के लिए मेरिलबोन क्रिकेट क्लब (एमसीसी) ने पहल की है। एमसीसी ने ऐसी बेल्स के इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है जो स्टंप उखड़ने के वक्त गिरेगी तो उतनी ही तेजी से लेकिन उसकी दूरी सीमित हो जायेगी। दक्षिण अफ्रीका और ब्रिटेन की दो कंपनियों ने इस तरह की बेल्स के अपने डिजाइन सौंपे हैं।
मानवाधिकार मामले में चीन और अमेरिका में एक तवा है तो दूसरा हांडी। इस मामले में दोनों ने एक दूसरे की कलई खोली है। अमेरिका के लांछन का जबाव देते हुए चीन ने अमेरिका से कहा है कि इस मामले में दूसरों की फूली निहारने की जगह वह अपनी फूटी देखे। अमेरिका प्रशासन अपनी वार्षिक रिपोर्ट में मानवाधिकार हनन के लिए चीन को पहले ही लताड़ लगा चुका है। अमेरिका ने चीन को दमनकारी करार दिया है।
नव निर्वाचित अमेरिकी कांग्रेस में हिन्दुओं और यहूदियों ने अपना आधार बढ़ाया है। हालांकि हालिया शोध में पाया गया है कि पांच दशकों से भी कम समय में देश की धार्मिक जनसंख्यिकीय में महत्वपूर्ण परिवर्तन के बावजूद इस विधायी निकाय में बड़ी संख्या ईसाई समुदाय के सदस्यों की है।
विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के वरिष्ठ नेता प्रवीण तोगडि़या ने आज नागपुर में कहा कि वे हिंदुओं के लिए एक संरक्षण योजना लेकर आएंगे ताकि देश में उत्पीड़न से उन्हें रक्षा प्रदान की जा सके।
बांग्लादेशी हिंदुओं ने अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति बराक ओबामा से यह अपील करने के लिए व्हाइट हाउस के समक्ष शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया कि वह मुस्लिम बहुल देश में धार्मिक अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न को समाप्त करने और अल्पसंख्यकों की रक्षा करने में मदद करें।
शनिवार को मानवाधिकार दिवस के मौके पर दुनिया भर के कई लेखकों ने चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग को पत्र लिखा है। मानवाधिकार उल्लंघन के मुद्दे पर भेजे गए पत्र में लेखकों ने राष्ट्रपति से इसे तत्काल रोकने की अपील की है।
पीएम मोदी के कालेधन के खिलाफ नोटबंदी के फैसले पर अर्थशास्त्री और पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह ने अंग्रेजी के प्रतिष्ठित दैनिक 'द हिंदू' में बड़ी ही बेबाकी से विचार रखे हैं। मनमोहन सिंह ने अपने संपादकीय लेख में कहा, ऐसा कहा जाता है, 'पैसा एक विचार है जो आत्मविश्वास को प्रेरित करता है।' लेकिन 8 नवंबर को एक झटके ने करीब 125 करोड़ लोगों के विश्वास को बर्बाद कर रख दिया है। इस फैसले के चलते एक रात में ही 500 और 1000 रुपये के रूप में मौजूद देश की 85 फीसदी मुद्रा बेकार हो गई।
भाजपा ने सिमी के आठ सदस्यों के कथित मुठभेड़ में मारे जाने की न्यायिक जांच की मांग करने को लेकर कांग्रेस तथा अन्य दलों पर निशाना साधते हुए इसे वोट बैंक की राजनीति करार देते हुए कहा कि पुलिस एवं सुरक्षा बलों ने तत्परता से काम किया है और एेसे विषयों का मानवाधिकार के नाम पर राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए।