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कलिंग साहित्य महोत्सव बुक अवॉर्ड्स 2020-21 का ऐलान, इन पुस्तकों को मिलेगा सम्मान; जानें- किसे मिली है सूची में जगह

कलिंग साहित्य महोत्सव बुक अवॉर्ड्स 2020-21 का ऐलान, इन पुस्तकों को मिलेगा सम्मान; जानें- किसे मिली है सूची में जगह

कलिंग साहित्य महोत्सव ने अपने 'बुक अवॉर्ड 2020-21' की घोषणा कर दी है। भुवनेश्वर में 10 दिसंबर से होने जा रहे...
सुधा भारद्वाज और गौतम नवलखा की याचिकाओं पर बंबई हाईकोर्ट का फैसला, NIA को जवाब के लिए दिया दो हप्ते का वक्त

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एल्गार परिषद एवं माओवादियों से संबंध होने के मामले में आरोपी एक्टिविस्ट सुधा भारद्वाज और गौतम नवलखा...
एक्टिविस्ट सुधा भारद्वाज की बेटी बोलीं- 'राज्य ने मेरी मां को मरने के लिए छोड़ दिया है'

एक्टिविस्ट सुधा भारद्वाज की बेटी बोलीं- 'राज्य ने मेरी मां को मरने के लिए छोड़ दिया है'

"उन असीरों के नाम जिन के सीनों में फ़र्दा के शब-ताब गौहर जेल-ख़ानों की शोरीदा रातों की सरसर में जल जल के...
कोरेगांव भीमा केस में नवलखा की सुरक्षा अवधि चार हफ्ते के लिए बढ़ी, हाई कोर्ट से तीन की जमानत याचिका खारिज

कोरेगांव भीमा केस में नवलखा की सुरक्षा अवधि चार हफ्ते के लिए बढ़ी, हाई कोर्ट से तीन की जमानत याचिका खारिज

सुप्रीम कोर्ट ने कोरेगांव भीमा हिंसा मामले में मानवाधिकार कार्यकर्ता गौतम नवलखा की गिरफ्तारी से...
सौरभ भारद्वाज ने कैसे हैक की ईवीएम जैसी मशीन, जानिए 5 स्टेप

सौरभ भारद्वाज ने कैसे हैक की ईवीएम जैसी मशीन, जानिए 5 स्टेप

दिल्ली विधानसभा में ईवीएम को लेकर आप विधायक सौरभ भारद्वाज के डेमो की चर्चा हर तरफ हो रही है। सौरभ भारद्वाज ने दिखाया कि किस तरह ईवीएम जैसी मशीन में गड़बड़ी हो सकती है।
रंगून यानी गुनाह बेलज्जत

रंगून यानी गुनाह बेलज्जत

विशाल भारद्वाज बड़े कैनवास पर फिल्म रंगून ले कर आए हैं। ओमकारा, मकबूल, हैदर बनाने वाले निर्देशक इतनी बड़ी चूक कर सकते हैं यकीन करना थोड़ा मुश्किल है। दुखांत अंत उनकी फिल्मों का स्थाई भाव रहता है जो यहां भी है। लेकिन ओमकारा या मकबूल में यह दर्शकों को सिहरा देता था और यहां दर्शक राहत की सांस लेते हैं कि चलो फिल्म अब खत्म होगी।
देखिए ‘भगवा ब्रिगेड’ के नुक्कड़ नाटक

देखिए ‘भगवा ब्रिगेड’ के नुक्कड़ नाटक

हाथ में ढफली, काले कुर्ते और जगह-जगह नुक्कड़ नाटक। यह तो साफ तौर पर वामपंथियों की पहचान है। इन नाटकों में सामाजिक मुद्दों पर करारा व्यंग्य होता है। यह नुक्कड़ नाटक अभी होंगे बस अंतर इतना है कि अब राष्ट्रवाद या केसरिया में यकीन रखने वाले लोग इससे जुड़ेंगे।
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