इससे पहले जनवरी-मार्च तिमाही के दौरान अर्थव्यवस्था की विकास दर 6.1 फीसदी रही थी। अर्थशास्त्री जीडीपी ग्रोथ में गिरावट की मुख्य वजह नोटबंदी को मान रहे हैं।
भारत की आर्थिक वृद्धि दर की धीमी रफ्तार की वजह अमेरिकी अर्थशास्त्री पॉल क्रुगमैन ने मोदी सरकार द्वारा अचानक की गई नोटबंदी, आरबीआई की पॉलिसी और रुपये की मजबूती को बताया है।
आठ प्रमुख बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर मई में घटकर 3.6 प्रतिशत रह गई है। खासतौर से कोयले और उर्वरक सेक्टर में कमजोरी के कारण वृद्धि दर में यह कमी आई है।