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चर्चा : अपने हाथ क्यों जलाएं ?। आलोक मेहता

चर्चा : अपने हाथ क्यों जलाएं ?। आलोक मेहता

विरोध, प्रदर्शन, आंदोलन, लोकतंत्र में अनुचित नहीं माने जाते। लेकिन अपने खेत-खलिहान-घर-आंगन को सुरक्षित रखने के साथ मासूम बच्चों के स्कूलों, बीमार और घायलों का उपचार करने वाले अस्पतालों, गांव से कस्बों तक पहंुचाने वाली बसों अथवा जानमाल की सुरक्षा के लिए बनाए गए थानों को आग लगाने के बजाय सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी भी तो समाज की है।
रोहतक सामूहिक दुष्कर्म के सात दोषियों को सजा-ए-मौत

रोहतक सामूहिक दुष्कर्म के सात दोषियों को सजा-ए-मौत

पिछले साल रोहतक के बहुअकबरपुर में एक नेपाली युवती से सामूहिक दुष्कर्म के मामले में स्‍थानीय अदालत ने सात दोषियों को फांसी की सजा सुनाई है। युवती का शव 4 फरवरी को बहुअकबरपुर के पास खेतों में क्षत-‌विक्षत अवस्‍था ‌में मिला था और उसके साथ नौ लोगों द्वारा बलात्कार की पुष्टि हुई थी। इन दोषियों में से एक ने आत्महत्या कर ली थी जबकि एक आरोपी नाबालिग है।
दोबारा होगी एआईपीएमटी की परीक्षा

दोबारा होगी एआईपीएमटी की परीक्षा

ऑल इंडिया प्री मेडिकल टेस्ट 2015 (एआईपीएटी) को बड़ा झटका लगा है। परीक्षाओं में हुई अनियमितताओं के चलते सुप्रीम कोर्ट ने परीक्षा को रद्द कर दिया है और सेंट्रल बोर्ड फॉर सेकेंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) को निर्देश दिया है कि चार हफ्तों के अंदर इस परीक्षा को दोबारा कराया जाए और सीबीएसई से संबंधित सभी संस्थानों से भी कहा गया है कि वे दोबारा परीक्षा आयोजित कराने में मदद करें।
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