केंद्र सरकार के सूत्रों ने कहा है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा अपनी निजी पहल के तहत कश्मीर समस्या पर हुर्रियत नेताओं से मुलाकात की है। सूत्रों ने इन ख़बरों को निराधार बताया कि सरकार की पहल पर सिन्हा के नेतृत्व में एक दल हुर्रियत नेताओं से जम्मू-कश्मीर में बात कर रहा है। सरकार ने कहा कि सिन्हा अपनी पहल पर ही कश्मीर गए हैं।
करीब 100 दिन से कश्मीर में हो रहे बंद से अलगाववादियों के खिलाफ सूबे के टैक्सी आपरेटर भड़कने लगे हैंं। आपरेटर अलगावादियों के खिलाफ दो बार विरोध प्रदर्शन भी कर चुके हैं। फिलहाल अलगाववादी और उनके समर्थक आपरेटरों को नुकसान की भरपाई का भरोसा देकर शांत करने की कोशिश कर रहे हैं। इस बीच हिंसक झड़पों में भारी कमी से घाटी में जल्द ही जन-जीवन सामान्य होने की उम्मीद बढ़ गई है।
अशांत कश्मीर आज लगातार तीसरे दिन भी कर्फ्यू मुक्त रहा। धीर धीरे घाटी की स्थिति सामान्य हो रही है। सुरक्षा बलों ने शहर और राज्य के अन्य स्थानों में अलगाववादियों के विरोध प्रदर्शन की योजना को नाकाम कर दिया है।
आतंकियों और अलगाववादियों की धमकी को धता बताते हुए पूरे कश्मीर से हजारों युवाओं ने विशेष पुलिस अधिकारी (एसपीओ) के 10,000 पदों के लिए आवेदन दिए हैं। कश्मीर में जारी अशांति में अब तक 82 लोगों की मौत हो चुकी है।
कश्मीर घाटी के विभिन्न जिलों में पिछले दो महीने से भी ज्यादा समय से जारी कर्फ्यू को स्थिति में सुधार आने के बाद आज हटा लिया गया। हालांकि राजधानी श्रीनगर के छह पुलिस थाना क्षेत्रों में अब भी कर्फ्यू जारी है। घाटी में आज 74वें दिन भी जनजीवन बाधित है।
भारत के उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने गुटनिरपेक्ष शिखर सम्मेलन में भाग लेकर लौटते हुए आज कहा कि उरी में हुआ हमला पूरी तरह अस्वीकार्य है और इस तरह की हरकतों का नतीजा आखिरकार अत्यंत असुखद निकलेगा। उन्होंने कड़े शब्दों में कहा कि आतंकवाद को कोई भी सहन नहीं कर सकता।
शुक्रवार की शाम सुरक्षा बलों और प्रदर्शकारियों के बीच हुए संघर्षों में एक किशोर की मौत के बाद आज श्रीनगर के हरवां इलाके में कर्फ्यू लगा दिया गया जबकि ग्रीष्मकालीन राजधानी के कुछ हिस्सों और कश्मीर के दो शहरों में अब भी कुछ प्रतिबंध जारी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को दिल्ली के 7 रेस कोर्स रोड स्थित अपने आवास पर आरएसएस के प्रचारकों के लिए एक भोज का आयोजन किया। गौरक्षकों पर सख्त बयान के बाद मोदी की इस दावत को डैमेज कंट्रोल के रूप में देखा जा रहा है।
बलूच कार्यकर्ताओं के एक समूह ने संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के बाहर पाकिस्तान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और बलूचिस्तान में पाकिस्तान द्वारा मानवता के खिलाफ किए जा रहे अपराधों को रेखांकित करते हुए आजादी की मांग की।