भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की संख्या प्रशासनिक महकमें में काफी खतरनाक स्तर तक पहुंच गई है। जनवरी 2016 तक 1470 आईएएस अधिकारियों का पद रिक्त होने की जानकारी सामने आई है। संसद की एक समिति ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि इस कमी को पूरा करने के लिए दशकों का वक्त लग जाएगा।
देश में पानी के प्रति जागरूकता बढ़ाने, नदियों के बहाव की निगरानी करने और पानी को प्रदूषण से बचाने के लिए सरकार ने महत्वाकांक्षी जल क्रांति अभियान योजना के तहत अब 726 जल की कमी वाले गांव की जल ग्राम के तौर पर पहचान की है। प्रत्येक गांव को इंडेक्स वैल्यू प्रदान की जायेगी जो जल की मांग और उपलब्धता के बीच अंतर के आधार पर तैयार होगी।
बैंकों से कैश लेन-देन अब महंगा हो गया है। एचडीएफसी, आईसीआईसीआई और एक्सिस बैंक ने कैश ट्रांजैक्शन पर शुल्क लगाना शुरू कर दिया है। एक महीने में चार मुफ्त लेन-देन के बाद हर बार 150 रुपये न्यूनतम शुल्क लिया जाएगा। यह नियम एक मार्च से सेविंग और सैलरी अकाउंट पर लागू कर दिया गया है।
अन्नाद्रमुक की दिवंगत सुप्रीमो जे जयललिता, उनकी करीबी सहयोगी वी के शशिकला और दो अन्य की ओर से इकट्ठा की गई 55 करोड़ रूपए की संपत्तियों में 2.51 करोड़ रूपए के सोने एवं हीरे के गहने और 15.9 लाख रूपए की कलाई घड़ियां शामिल थीं।
आरबीआई ने एटीएम से निकलने वाले रुपयों की सीमा बढ़ा दी है। अब हर रोज 4,500 की जगह 10,000 रुपये एटीएम से निकाल सकेंगे। आश्चर्य यह है कि रुपए निकालने की सीमा तो बढ़ा दी गई, लेकिन देश के अधिकतर एटीएम या तो खराब पड़े हैं या फिर उनमें रुपये ही नहीं हैं।
देश में कैशलेस व्यवस्था को स्थापित करने के लिए केन्द्र सरकार बड़े कैश विड्रॉवल पर टैक्स लगाने का मसौदा तैयार कर रही है। इस मसौदे को अगर सरकार मंजूरी दे देती है तो 1 फरवरी को बजट 2017-18 में इसके लिए प्रावधान की घोषणा कर दी जाएगी।
योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा है कि सरकार को नोटबंदी से पैदा हुई नकदी की कमी को नए साल तक दूर कर देना चाहिए। एक प्रतिष्ठित अंग्रेजी अखबार को दिए गए साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि प्रशासन के सामने यह तय करने की चुनौती है कि सरकार पर लोगों के भरोसे को कोई झटका न लगे।
सरकार ने आज कहा कि नकदी के बजाए डिजिटल लेन-देन अपनाने से छोटे व्यापारियों की कर देनदारी में 46 प्रतिशत तक कमी आएगी। सरकार ने अनुमानित आय नियमों में बदलाव किया है इससे उन छोटे व्यापारियों की कर देनदारी में कमी आएगी जो डिजिटल भुगतान का विकल्प चुनते हैं।