उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एक आम आदमी के चट्टानी इरादों को दर्शाती फिल्म मांझी - द माउंटेन मैन को राज्य में मनोरंजन कर से मुक्त करने का फैसला किया है।
अनिल कुंबले, सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़ और वी. वी. एस. लक्ष्मण जैसे पूर्व दिग्गज खिलाडिय़ों पर भी हितों के टकराव की गाज गिर सकती है क्योंकि ये सभी पूर्व खिलाड़ी किसी-न-किसी रूप में आईपीएल फ्रेंचाइजी टीमों के अनुबंध से जुड़े हैं या फिर कंपनियों के साथ इनका करार है। इस वजह से उनकी बीसीसीआई से जुड़ी जिम्मेदारियां प्रभावित हो सकती हैं।
साधरण कद-काठी, साधारण चेहरा-मोहरा। सांवली रंगत लेकिन जन्मजात सहज अभिनय करने की कुशलता। यह हैं, मुजफ्फरनगर, उत्तर प्रदेश के छोटे से कस्बे बुढाना में जन्में और पले-बढ़े नवाजुद्दीन सिद्दीकी। नवाजुद्दीन किसी बड़े फिल्मी परिवार से नहीं हैं, न ही उनका बॉलीवुड में कोई गॉडफादर रहा। अपने दम पर नाम और शोहरत कमाने वाले नवाजुद्दीन के लिए यह सब बहुत आसान नहीं था। मुजफ्फरनगर में रहते हुए जहां उनके पास मनोरंजन के लिए टीवी नहीं था, उन्होंने लोक कलाकारों के बीच तमाशा, रामलीला देखते हुए अपना बचपन बिताया। नवाजुद्दीन उन्हीं कलाकारों की तरह होना चाहते थे। वैसे ही बनना चाहते थे। पर कैसे यह उन्हें उस वक्त पता नहीं था। गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय, हरिद्वार से स्नातक के बाद उन्होंने कई तरह की नौकरियां कीं। यहां तक की चौकीदार की भी। फिर भी अभिनय की भूख थी कि खत्म नहीं हुई थी। विपरीत परिस्थितियों ने उन्हें और मजबूत कर दिया। इसी बीच उन्हें राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के बारे में पता चला और बस अभिनय के गुर सीखने वह यहां चले आए। राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय में रहते हुए उन्होंने कई नाटकों को करीब से जाना। राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय से कोर्स पूरा करने के बाद दिल्ली में ही उन्होंने कई नाटक किए और फिर वहीं चले आए, जो अभिनय की दुनिया में स्थापित होने के लिए मक्का है, मुंबई।
एक लंबे संघर्ष के बाद खुरदुरे चेहरे वाला यह अभिनेता निर्माता-निर्देशक की पहली पसंद बनता जा रहा है। ब्लैक फ्राइडे, गैंग्स ऑफ वासेपुर, तलाश, बदलापुर, बजरंगी भाईजान के बाद अब सभी की निगाहें उनकी आने वाली फिल्म मांझी- द माउंटेनमैन पर टिकी हुई हैं।
बजरंगी भाईजान फिल्म में पाकिस्तानी पत्रकार चांद नवाब की भूमिका के बाद नवाजुद्दीन सिद्दीकी भी स्टार हो गए हैं। एक लंबे संघर्ष के बाद फिल्म उद्योग ने उन्हें सितारा हैसियत दे ही दी। लंच बॉक्स, पान सिंह तोमर में उन्होंने दर्शकों को प्रभावित किया था। अब अगले महीने उनकी फिल्म मांझी-द माउंटेनमैन आने वाली है। केतन मेहता की इस फिल्म का सभी को बेसब्री से इंतजार है।
होंठो से छू लो तुम गीत के साथ ही अभिनेत्री अनिता राज भी अमर हो गईं थीं। फिल्मों में बेशक अनिता राज ने लंबी और कामयाब पारी नहीं खेली मगर इस एक गाने की बदौलत अनिता राज का चेहरा भूलना लोगों के लिए लगभग नामुमकिन होता है।
भारतीय फुटबाल कप्तान सुनील छेत्री इंडियन सुपर लीग के लिए खिलाडि़यों की पहली नीलामी में सबसे महंगे बिके। उन्हें मुंबई सिटी एफसी ने एक करोड़ 20 लाख रुपये में खरीदा। जबकि यूजेनेसन लिंगदोह और रिनो अंटो को बेसप्राइज से कई गुना अधिक कीमत मिली।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आउटलुक समूह के दिवंगत संस्थापक संपादक विनोद मेहता को जी.के.रेड्डी मेमोरिअल अवार्ड दिया, जिसे विनोद मेहता की पत्नी सुमिता मेहता ने स्वीकार किया। दिल्ली के जवाहर भवन में आयोजित इस कार्यक्रम में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी शामिल हुए।
नेपाल में आए भीषण भूकंप से प्रभावित लोगों की मदद के लिए समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता भी बड़ी संख्या में पहुंच गए हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के निर्देश पर काठमाडू गए सपा कार्यकर्ताओं ने पीड़ितों की मदद के लिए हर संभव प्रयास करना शुरु कर दिया है। युवा नेता सुनील यादव के नेतृत्व में नेपाल गए इन कार्यकर्ताओं ने काठमांडू के आसपास के गांवों में लोगों को राहत सामग्री मुहैया कराई है।
‘गब्बर इज बैक’ का दर्शकों के साथ अक्षय को भी बेसब्री से इंतजार है। अक्षय की प्रतिष्ठा इस फिल्म के साथ जुड़ी हुई है। फिल्म के प्रदर्शन से पहले इससे जुड़ी खबरें तरह-तरह से सामने आती हैं
वेस्टइंडीज के रहस्यमयी सुनील नारायण को बुधवार को तब करारा झटका लगा जब उन्हें इंडियन प्रीमियर लीग सहित बीसीसीआई के सभी मैचों में ऑफ स्पिन करने से प्रतिबंधित कर दिया। यही नहीं भविष्य में ऐसी गेंद करने पर उन्हें निलंबन झेलना होगा।