देश की आजादी के समय 1947 में हुए विभाजन के बाद परिवार के पाकिस्तान चले जाने के बावजूद मशहूर चित्रकार सैयद हैदर रजा ने भारत में ही रहने का फैसला किया था। उनके इस फैसले के पीछे उनकी मातृभूमि के प्रति वफादारी तो थी ही, लेकिन इसकी एक वजह महात्मा गांधी के प्रति उनका लगाव भी था।
सरकार ने शुक्रवार को कहा कि वह हुर्रियत कांफ्रेंस के कट्टरपंथी धड़े के नेता सैयद अली शाह गिलानी के पासपोर्ट से संबंधित आवेदन पर तभी विचार करेगी पक जब तब वह सभी औपचारिकताओं को पूरा करेंगे।
पाकिस्तान उच्चायोग अब्दुल बासित द्वारा आयोजित रात्रिभोज में कश्मीर के अलगाववादी नेताओं को न्योता देने से खफा केंद्र सरकार के सभी मंत्रियों ने इस न्योते का बहिष्कार किया है। लेकिन विश्वस्त सूत्रों की मानें तो इसमें विदेश राज्यमंत्री जनरल वी. के. सिंह शामिल हो सकते हैं।