शिवसेना ने मांग की है कि विवादित इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक को सऊदी अरब से भारत लौटते ही गिरफ्तार किया जाए और उनके पीस टीवी नेटवर्क को फौरन पूरी तरह से बंद किया जाए।
बांग्लादेश आतंकी हमले के बाद जहां एक ओर विवादों में घिरे मुस्लिम धर्म प्रचारक और उपदेशक जाकिर नाइक की गिरफ्तारी की मांग शुरू हो गई है, वहीं खबर है कि अब वह दो-तीन हफ्ते बाद भारत लौटेंगे। उन्होंने कहा है कि उनसे किसी जांच एजेंसी ने अभी तक किसी तरह की पूछताछ नहीं की है।
देशद्रोह के आरोपी जेएनयू के छात्र उमर खालिद ने कश्मीर में मारे गए आतंकी बुरहान वानी पर विवादास्पद बयान दिया है। उमर खालिद ने वानी की तुलना मार्क्सवादी क्रांतिकारी चे ग्वेरा से की है। खालिद ने फेसबुक अकाउंट पर लिखा, ‘चे ग्वेरा ने कहा था- अगर मैं मर जाऊं और कोई दूसरा मेरी बंदूक उठाकर गोलियां चलाता रहे तो मुझे परवाह नहीं, लेकिन ऐसे ही शब्द बुरहान वानी के भी रहे होंगे।’ उमर के इस कथन पर अखिल भारतीय विद़यार्थी परिषद भड़क गई है।
पंजाब में आतंकवाद के समय वहां के पुलिस महानिदेशक रह चुके जूलियो रिबेरियाेे ने कहा कि भारत अब आईएसआईएस के राडार में हो सकता है। लिहाजा हमें काफी सावधान रहने की आवश्यकता है। उन्होंनेे कहा कि अगर आईएसआईएस भारत पर अब हमला करें तो इसमें कोई आश्चर्य वाली बात नहीं होगी।
विवादित इस्लामी प्रचारक जाकिर नाइक के साथ मंच साझा करने के लिए भाजपा के निशाने पर आए कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने पलटवार करते हुए शुक्रवार को भाजपा नेता और गृह मंत्री राजनाथ सिंह के 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में आरोपी प्रज्ञा ठाकुर के साथ कथित मुुलाकात का मुद्दा उठाया।
अब समय आ गया है कि इस्लाम के ऐसे विचार और उनके अनुसरण को रोका जाए, जो धर्म के नाम पर हिंसा और मारकाट को बढ़ावा दे रहे हैं। कटटरपंथी बनने की बजाए मुस्लिम युवाओं को ऐसी शिक्षा दी जाए ताकि उनके मन में एक अच्छे और उदार मुस्लिम बनने की भावना पैदा हो। यह काम अभिभावक, शिक्षक और मुस्लिम विद़वान मिल-जुलकर कर सकते हैं। मुस्लिम अभिभावक अपने बच्चों के मानसिक विकास पर ध्यान दें।
बांग्लादेश के उत्तर में गुरुवार को ईद की नमाज के सबसे बड़े कार्यक्रम के नजदीक हुए बम विस्फोट में कम से कम चार लोगों के मारे जाने की खबर है। इनमें एक पुलिसकर्मी भी शामिल है। बारह अन्य घायल हो गए।
आतंकवाद आज किसी एक देश, प्रांत की समस्या नही बल्कि समूची दुनिया के लिये चुनौती बन गया है। ये आंतकी भले ही अलग-अलग देशों से ताल्लुकात रखते हों पर इनके नापाक इरादे एक से हैं। चिंतित होने वाली बात है कि इस बढ़ती कट्टरता की ओर पढ़ा-लिखा मुस्लिम युवा भारी मात्रा मेंं जुड़ रहा है। लेकिन मुस्लिम समुदाय के ही मौलवी और बड़े बुजुर्ग समझदार इसके विरोध में अभी तक खुलकर सामने नहीं आए हैं।
बांग्लादेश से सटे भारतीय इलाकों में सीमा सुरक्षा बल को हाई अलर्ट पर रखा गया है। भारत के सीमावर्ती गांवों में सघन तलाशी अभियान शुरू किया गया है। ढाका के कैफे पर आतंकी हमले के बाद साजिशकर्ताओं में से कई के भारत भागकर आने और यहां छुपने की आशंका जताई जा रही है। असम, त्रिपुरा, पश्चिम बंगाल की पुलिस और सीमा सुरक्षा बल का संयुक्त अभियान एवं रिवर पेट्रोलिंग सरहदी इलाकों में शुरू किया गया है। मेघालय, मिजोरम, बिहार, झारखंड और उड़ीसा में भी सतर्कता जारी की गई है।
ढाका हमले में जिन सात आतंकियों ने 20 लोगों की हत्या की वह सभी स्थानीय बांग्लादेशी थे और उनमें से पांच पेशेवर अपराधी भी थे। जिनकी पुलिस को तलाश थी। यह जानकारी पुलिस ने दी है। इसी बीच बांग्लादेश के गृहमंत्री असदुज्ज़मान खान का बयान आया है कि इस हमले के पीछे बांग्लादेश के आतंकी संगठन है और इस्लामिक स्टेट का इससे कोई लेना देना नहीं है।