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कोर्ट का पार्श्‍वनाथ को निर्देश, राठौर को 2 दिन में फ्लैट का कब्‍जा दें

कोर्ट का पार्श्‍वनाथ को निर्देश, राठौर को 2 दिन में फ्लैट का कब्‍जा दें

उच्‍चतम न्यायालय ने शुक्रवार को पार्श्‍वनाथ डेवलपर्स को निर्देश दिया कि वह सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री राजवेन्द्र सिंह राठौर को दो दिन के भीतर गुडगांव परियोजना में फ्लैट का कब्जा सौंपे। न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति अमिताव राय की पीठ ने कहा कि प्रतिवादी राठौर को दो दिन के भीतर फ्लैट का कब्जा दिया जाये। पीठ ने यह भी कहा कि राठौर को अब इस डिवलपर्स को कोई भी अतिरिक्त पैसे का भुगतान नहीं करना चाहिए।
सीजेआई बोले, सरकार कामकाज का बोझ हलका कर राहत दे

सीजेआई बोले, सरकार कामकाज का बोझ हलका कर राहत दे

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश टी एस ठाकुर ने कानून मंत्रालय से ऐसे कामकाज से राहत देने के लिए आग्रह किया है, जिससे परहेज किया जा सकता हो। सीजेआई ने कानून मंत्रालय से इसके लिए तंत्र तैयार करने की गुजारिश भी की है। ठाकुर ने कहा कि सरकार के विभागों द्वारा निर्णय लेने में उदासीनता और अक्षमता दिखाने की वजह से ‘अनावश्यक बोझ’ पैदा होता है।
सुप्रीम कोर्ट में जजों की नियुक्ति की सीमा हटेगी

सुप्रीम कोर्ट में जजों की नियुक्ति की सीमा हटेगी

केंद्र सरकार भारत के मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर की जजों की संख्या बढ़ाने की मांग को कुछ हद तक पूरा करने जा रही है। इसीलिए सरकार ने कोलेजियम की कुछ मांगों पर अमल करते हुए न्यायविदों और वकीलों को सुप्रीम कोर्ट में बतौर जज नियुक्त करने की कैप हटा दी है। हालांकि, सरकार ने उच्च न्यायापालिका नियुक्ति की प्रक्रिया के अन्य दिशा-निर्देशों को सख्त ही रखा है।
कांग्रेस बोली, पीएम मोदी जस्टिस ठाकुर की सलाह पर गौर करें

कांग्रेस बोली, पीएम मोदी जस्टिस ठाकुर की सलाह पर गौर करें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वतंत्रता दिवस भाषण में न्यायाधीशों की नियुक्ति का उल्लेख नहीं होने को लेकर प्रधान न्यायाधीश टीएस ठाकुर द्वारा निराशा जताए जाने पर विपक्षी दलों ने भी प्रतिक्रिया दी। कांग्रेस ने कहा कि प्रधानमंत्री को शीर्ष न्यायाधीश की सलाह पर ध्यान देना चाहिए।
स्‍वतंत्रता दिवस में पीएम मोदी इंसाफ पर कुछ नहीं बोले : जस्टिस ठाकुर

स्‍वतंत्रता दिवस में पीएम मोदी इंसाफ पर कुछ नहीं बोले : जस्टिस ठाकुर

देश में न्यायपालिका और कार्यपालिका के बीच लगता है तकरार अभी भी चल रही है। इसकी झलक स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दिखाई दी। देश के चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया टीएस ठाकुर ने पीएम के भाषण में एक बेहद जरूरी मुद्दे का जिक्र नहीं करने पर निराशा जताई। जस्टिस ठाकुर ने जजों की नियुक्ति का मुद्दा उठाया।
कार्यपालिका के विफल होने पर ही न्यायपालिका हस्तक्षेप करती है: प्रधान न्यायाधीश

कार्यपालिका के विफल होने पर ही न्यायपालिका हस्तक्षेप करती है: प्रधान न्यायाधीश

भारत के प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति टी एस ठाकुर ने कहा है कि न्यायपालिका तभी हस्तक्षेप करती है जब कार्यपालिका अपनी संवैधानिक जिम्मेदारियों को निभाने में विफल हो जाती है।
कैसे मिले जल्दी न्याय, हाईकोर्टों में 458 न्यायाधीशों की कमी

कैसे मिले जल्दी न्याय, हाईकोर्टों में 458 न्यायाधीशों की कमी

कानून मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, देश के विभिन्न उच्च न्यायालयों में 458 न्यायाधीशों की कमी है। ये आंकड़े ऐसे समय में आए हैं जब न्यायपालिका और सरकार के बीच हाईकोर्टों में न्यायाधीशों की भावी नियुक्ति को दिशा देने वाले एक दस्तावेज के विभिन्न उपबंधों को लेकर मतभेद हैं।
देश में जजों की कमी, उच्च न्यायालयों में 392 पद खाली

देश में जजों की कमी, उच्च न्यायालयों में 392 पद खाली

एक महीने के भीतर उच्च न्यायालयों के आठ न्यायाधीश सेवानिवृत्त हो चुके हैं जिससे देश के उच्च न्यायालयों में रिक्तियों का आंकड़ा बढ़कर इस महीने 392 हो गया। अगस्त में यह आंकड़ा 384 था। यह ऐसे समय में हुआ है जब उच्च न्यायपालिका में न्यायाधीशों की नई नियुक्ति करने या उन्हें पदोन्नत करने का कोई तंत्र नहीं है।
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