टैगोर परिवार की वंशज और सुप्रसिद्ध अभिनेत्री शर्मिला टैगोर के मुताबिक भारतीय इतिहास में भले ही टैगोर परिवार की महिलाओं का बहुत ही कम जिक्र किया गया है, लेकिन इन महिलाओं ने बहुत सी उपलब्धियां हासिल कीं।
विख्यात लेखक और नोबेल पुरस्कार से सम्मानित रवीन्द्रनाथ टैगोर और अर्जेंटीना की पत्रकार एवं लेखिका विक्टोरिया ओकैंपो में मुलाकात और इसके बाद एक-दूसरे पर प्रभाव पर आधारित एक फिल्म का निर्माण भारत और अर्जेंटीना संयुक्त रूप से कर रहे हैं।
जानी-मानी भारतीय अभिनेत्री शर्मिला टैगोर, स्लमडॉग मिलेनियर की अभिनेत्री फ्रीडा पिंटो और निर्देशक दीपा मेहता भारतीय मूल की उन हस्तियों में शुमार हैं जिन्हें प्रतिष्ठित अकेडमी ऑफ मोशन पिक्चर आर्ट्स एंड साइंसेस ने अपना सदस्य बनने के लिए आमंत्रिात किया है।
पाकिस्तान में मशहूर कवाल और सूफी गायकार अमजद फरीद साबरी को अंतिम विदाई देने जन सैलाब उमड़ पड़ा। पाक में जहां एक तरफ साबरी को गोली मारने को कई लोग उचित बता रहे हैं तो दूसरी तरफ उनके जनाजे में उमड़ी भीड़ पाक की कुछ अलग तस्वीर पेश कर रही है। विरोध का मसला कुछ भी हो लेकिन उनके जनाजे में आए लोगों का समूह यह तो साफ बता रहा है कि साबरी जनता के कलाकार थे।
राजनीतिक मनोविज्ञानी आशीष नंदी ने कहा है अगर गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर आज के भारत में राष्ट्रवाद पर अपने विचार लिखतेे तो शायद उन्हें जेल भेज दिया जाता। और इसे मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी सही भी ठहरा देतींं। नंदी के अनुसार भारतीय जनता पार्टी के पास योग्य लोगों की बेहद कमी है। वह संस्थानिक पदों पर पार्टी के बाहर के व्यक्ति की नियुक्ति कर कतई भी जोखिम नहीं लेना चाहती। मीडिया को दिए गए साक्षात्कार में नंदी ने कहा कि आरबीआई के गवर्नर रघुराम राजन के दूसरे कार्यकाल पर अनिच्छा जाहिर करना भाजपा सरकार में भरोसे की कमी को दिखाता है।
अर्जेंटिना सरकार के सहयोग से रवीन्द्र नाथ टैगोर पर बन रही है। इस फिल्म में रवीन्द्र नाथ टैगोर और अर्जेंटिना की प्रसिद्ध लेखिका विक्टोरिया के बीच पत्राचार और उनकी यात्रा की कहानी है। सूरज कुमार भारत के निर्माता की हैसियत से इस फिल्म से जुड़ रहे हैं।