संयुक्त राष्ट्र की मानवाधिकार संस्था द्वारा भारत की चार साल में एक बार होने वाली समीक्षा आयोजित होने जा रही है। इससे पहले ह्यूमन राइट्स वॉच ने कहा है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भारत से आह्वान करना चाहिए कि वह सरकार की आलोचना करने वाले गैर सरकारी संगठनों को निशाना बनाना बंद करे। इसके साथ ही एचआरडब्ल्यू ने अल्पसंख्यकों पर सतर्कता समिति सदस्यों के हमलों के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग की है।
दुनिया में भले ही हर तरफ विकास की बात कही जा रही है लेकिन नवजात बच्चों की दुर्दशा पर कुछ खास ध्यान नहीं दिया जा रहा है। या यूं कहें कि विश्व का मानव समाज इस मसले पर मौन होकर अपनी हार स्वीकार करता जा रहा है। मानव समुदाय एक तरह से नवजात श्िाशुओं की हिफाजत नहीं कर पा रहा है। संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनीसेफ) की ताजा रिपेार्ट में कहा गया है कि दुनिया में विभिन्न तरह के संक्रमण की वजह से पैदा होने के साथ ही दस लाख बच्चों ने दम तोड़ दिया।