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एबीवीपी के आक्रमण के खिलाफ डीयू-जेएनयू और जामिया के छात्र सड़क पर उतरे

एबीवीपी के आक्रमण के खिलाफ डीयू-जेएनयू और जामिया के छात्र सड़क पर उतरे

दिल्ली विश्वविद्यालय, जेएनयू और जामिया के सैकड़ों छात्र और शिक्षक मंगलवार को विश्वविद्यालयों को एबीवीपी के आक्रमण और विरोध को दबाने के खिलाफ सड़कों पर उतरे। लेफ्ट संगठनों के विरोध मार्च का जवाब देने के लिए डूसू और एबीवीपी ने 2 मार्च को प्रदर्शन करने का फैसला किया है।
बीते समय की बात हो सकती है व्हाइट हाउस तक मीडिया की पहुंच

बीते समय की बात हो सकती है व्हाइट हाउस तक मीडिया की पहुंच

डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में व्हाइट हाउस तक मीडिया की नियमित पहुंच बीते समय की बात हो सकती है क्योंकि आगामी प्रशासन के शीर्ष अधिकारियों का कहना है कि वे आसपास किसी ज्यादा खुली जगह का विकल्प तलाश रहे हैं। अधिकारियों के इस विचार को व्हाइट हाउस संवाददाता संघ (डब्ल्यूएचसीए) ने अस्वीकार्य बताया है।
परंपराओं को तोड़ फैशन शो में रैंप पर चलीं विधवाएं

परंपराओं को तोड़ फैशन शो में रैंप पर चलीं विधवाएं

एक फैशन शो कार्यक्रम में विधवा महिलाओं ने रैंप पर चलकर उन तमाम बेड़ियों को तोड़ने के संकेत दे दिए जो परंपराओं के नाम पर बरसों से उनके पैरों को जकड़े हुए हैं। इस फैशन शो का आयोजन गैर सरकारी संस्था सुलभ इंटरनेशन ने खास तौर से विधवा महिलाओं के लिए ही किया था।
भारत में 83 लाख से ज्यादा आधुनिक गुलाम

भारत में 83 लाख से ज्यादा आधुनिक गुलाम

भारत में बंधुआ मजदूरी, वेश्यावृत्ति और भीख जैसी आधुनिक गुलामी के शिकंजे में एक करोड़ 83 लाख 50 हजार लोग जकड़े हुए हैं। इस तरह दुनिया में आधुनिक गुलामी से पीड़ितों की सबसे ज्यादा संख्या भारत में है। दुनिया भर में ऐसे गुलामों की तादाद तकरीबन चार करोड़ 60 लाख है।
राहुल ने पूछा, किसानों के अच्छे दिन कब आएंगे

राहुल ने पूछा, किसानों के अच्छे दिन कब आएंगे

ओडिशा में किसान बचाओ पदयात्रा की शुरुआत करते हुए राहुल गांधी ने आज नरेंद्र मोदी सरकार पर किसानों की अनदेखी करने का आरोप लगाया और प्रधानमंत्री पर तंज कसते हुए कहा कि किसानों के लिए अच्छे दिन कब आएंगे।
प्रकृति के साथ अवसाद की न हो बात

प्रकृति के साथ अवसाद की न हो बात

स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं की मानें तो प्राकृतिक माहौल में सैर करने से अवसाद से दूर रहा जा सकता है। जो लोग अवसाद में रहते हैं और शहरी इलाकों या बहुत भीड़ वाली जगह पर रहते हैं या ऐसी ही जगहों पर सैर करते हैं उन्हें सलाह है कि प्रकृति के थोड़ा करीब जाएं।
रमजान और पकवान

रमजान और पकवान

रमजान का महीना है और पुरानी दिल्ली की संकरी गलियों से आती लजीज पकवानों की खुशबू लोगों को अपनी ओर खींच रही है। पकवानों की यह खुशबू रोजेदारों के साथ साथ पर्यटकों को भी दिल्ली की एक ऐतिहासिक यात्रा पर ले जाती है जहां उनका साक्षात्कार मुगलकालीन के व्यंजनों से हो रहा है।
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