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काश मन की बात में पीएम मोदी कश्मीर के हालात का जिक्र करते : उमर

काश मन की बात में पीएम मोदी कश्मीर के हालात का जिक्र करते : उमर

विपक्षी पार्टी नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने रविवार को इस बात पर अफसोस जताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने रेडियो संबोधन मन की बात में जम्मू-कश्मीर के हालात का जिक्र तक नहीं किया। उमर ने ट्वीटर पर लिखा, काश प्रधानमंत्री को मेरे राज्य के लिए आश्वस्त करने वाले गिने-चुने शब्द ही मिल जाते। राज्य में अब तक लगभग 50 लोगों की मौत हो गई है जबकि अनगिनत घायल हैं।
भारत में 83 लाख से ज्यादा आधुनिक गुलाम

भारत में 83 लाख से ज्यादा आधुनिक गुलाम

भारत में बंधुआ मजदूरी, वेश्यावृत्ति और भीख जैसी आधुनिक गुलामी के शिकंजे में एक करोड़ 83 लाख 50 हजार लोग जकड़े हुए हैं। इस तरह दुनिया में आधुनिक गुलामी से पीड़ितों की सबसे ज्यादा संख्या भारत में है। दुनिया भर में ऐसे गुलामों की तादाद तकरीबन चार करोड़ 60 लाख है।
कोलकाता में राष्‍ट्रगान होता रहा, फारुख अब्दुल्ला लगे रहे फोन पर

कोलकाता में राष्‍ट्रगान होता रहा, फारुख अब्दुल्ला लगे रहे फोन पर

कोलकाता में तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो ममता बनर्जी के शपथ ग्रहण समारोह मेंं राष्‍ट्रगान के दौरान फारुख अब्‍दुल्‍ला का फोन करना उनको कुछ दिन तक परेशान कर सकता है। ममता बनर्जी ने बंगाल के मुख्यमंत्री पद की शुक्रवार को शपथ ली।
राहुल ने पूछा, किसानों के अच्छे दिन कब आएंगे

राहुल ने पूछा, किसानों के अच्छे दिन कब आएंगे

ओडिशा में किसान बचाओ पदयात्रा की शुरुआत करते हुए राहुल गांधी ने आज नरेंद्र मोदी सरकार पर किसानों की अनदेखी करने का आरोप लगाया और प्रधानमंत्री पर तंज कसते हुए कहा कि किसानों के लिए अच्छे दिन कब आएंगे।
प्रकृति के साथ अवसाद की न हो बात

प्रकृति के साथ अवसाद की न हो बात

स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं की मानें तो प्राकृतिक माहौल में सैर करने से अवसाद से दूर रहा जा सकता है। जो लोग अवसाद में रहते हैं और शहरी इलाकों या बहुत भीड़ वाली जगह पर रहते हैं या ऐसी ही जगहों पर सैर करते हैं उन्हें सलाह है कि प्रकृति के थोड़ा करीब जाएं।
रमजान और पकवान

रमजान और पकवान

रमजान का महीना है और पुरानी दिल्ली की संकरी गलियों से आती लजीज पकवानों की खुशबू लोगों को अपनी ओर खींच रही है। पकवानों की यह खुशबू रोजेदारों के साथ साथ पर्यटकों को भी दिल्ली की एक ऐतिहासिक यात्रा पर ले जाती है जहां उनका साक्षात्कार मुगलकालीन के व्यंजनों से हो रहा है।
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