प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कैशलेस समाज की अवधारणा की पुरजोर वकालत की और कहा कि इस व्यवस्था को अपनाने से पारदर्शिता आएगी और काले धन का प्रभाव कम हो जाएगा।
राजस्थान के स्कूली पुस्तकों से जवाहर लाल नेहरू का संदर्भ हटाए जाने को लेकर छिड़े विवाद के बीच देश के प्रथम प्रधानमंत्री का नाम अब मुंबई विश्वविद्यालय की एमए की एक पुस्तक से भी गायब हो गया है।
नई दवाइयों के विकास, मेडिकल आधुनिक तकनीकों के उपलब्धता और मिर्गी से जुडी स्थिति के प्रति ज्यादा से ज्यादा जागरूकता रोगियों को सामान्य जिंदगी बिताने में काफी मदद कर रही है। मिर्गी दूसरा सबसे आम मस्तिष्क विकार है। भारत में प्रतिवर्ष 5 लाख नवजात शिशु मिर्गी की बीमारी के साथ जन्म ले रहे है। पिछले दशक में सिर की चोट लगने के कारण 20 फीसदी व्यस्कों में मिर्गी के मामलों में बढ़ोतरी हुई है। भारत में तकरीबन 95 फीसदी लोग मिर्गी का इलाज ही नहीं करवा पाते जबकि 60 प्रतिशत शहरी लोग दौरा पड़ने के बाद डाॅक्टर से परामर्श लेते है और इस मामले में ग्रामीण भारतीय का प्रतिशत सिर्फ 10 फीसदी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को राउरकेला इस्पात संयंत्र (आरएसपी) में 12,000 करोड़ रुपये की विस्तार एवं आधुनिकीकरण परियोजना राष्ट्र को समर्पित की। इस परियोजना के तहत एक नई प्लेट मिल लगाई गई है।
चुनिंदा नायकों या खलनायकों की भूमिका पर जरूरत से ज्यादा जोर देने के कारण इतिहास का सम्यक विवेचन नहीं हो पाता। जैसे गांधी, नेहरू, पटेल, जिन्ना और माउंटबेटन पर ज्यादा जोर देने से हमें भारत विभाजन के बारे में कई जरूरी प्रश्नों के उत्तर नहीं मिलते। मसलन, देसी मुहावरे में आम जनता को अपनी बात समझाने में माहिर और उनमें आजादी के लिए माद्दा जगाने वाले गांधी अपने तमाम सद्प्रयासों के बावजूद नाजुक ऐतिहासिक मौके पर आम हिंदू-मुसलमान को एक-दूसरे के प्रति सांप्रदायिक दरार से बचने की बात समझाने में क्यों विफल रहे, नोआखली जैसी अपनी साक्षात उपस्थिति वाली जगह को छोडक़र? जिन्ना की महत्वकांक्षा और जिद को कितना भी दोष दें, कलकत्ता और अन्य जगहों का आम मुसलमान क्यों उनके उकसावे पर पाकिस्तान हासिल करने के लिए खून-खराबे पर उतारू हो गया?