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राम मंदिर पर कोर्ट के फैसले के बाद निर्णय लेगी सरकार: कलराज

राम मंदिर पर कोर्ट के फैसले के बाद निर्णय लेगी सरकार: कलराज

केंद्रीय मंत्री कलराज मिश्र का कहना है कि सरकार राम मंदिर मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ अपील पर उच्चतम न्यायालय का फैसला आने के बाद मंदिर निर्माण के संबंध में कोई फैसला करेगी।
खेर काे वीजा देने को तैयार पाक, कहा-आवेदन ही नहीं मिला

खेर काे वीजा देने को तैयार पाक, कहा-आवेदन ही नहीं मिला

पाकिस्‍तान सरकार फिल्‍म अभिनेता अनुपम खेर को वीजा देने को तैयार है। लेकिन अब अनुपम खेर ने ही पाकिस्‍तान जाने से मना कर दिया है। हालांकि, नई दिल्‍ली में पाकिस्‍तान के उच्चायुक्त ने दावा किया कि अनुपम खेर ने कभी वीजा आवेदन दिया ही नहीं इसलिए उन्हें वीजा जारी करने या मना करने का सवाल ही नहीं उठता। इस पर भी खेर ने पलटवार किया है।
धारा 377 मामला: पांच जजों की पीठ को सौंपी याचिका

धारा 377 मामला: पांच जजों की पीठ को सौंपी याचिका

भारतीय दंड संहिता की धारा 377 के तहत स्वेच्छा से दो वयस्कों के बीच समलैंगिक यौन संबंध स्थापित करने को अपराध की श्रेणी में रखने संबंधी शीर्ष अदालत के फैसले पर फिर से गौर करने के लिए दायर सुधारात्मक याचिका को आज उच्चतम न्यायालय ने पांच सदस्यीय संविधान पीठ को सौंप दी।
अरूणाचल प्रदेश में राष्ट्रपति शासन पर शत्रुघ्न ने उठाया सवाल

अरूणाचल प्रदेश में राष्ट्रपति शासन पर शत्रुघ्न ने उठाया सवाल

अपने पार्टी विरोधी बयानों से भाजपा को लगातार परेशानी में डालने वाले भाजपा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने अरूणाचल प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की आलोचना की है। उन्होंने शनिवार को केंद्र के फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि यदि सरकार मामले पर उच्चतम न्यायालय के फैसले तक इंतजार कर लेती तो आसमान नहीं गिर जाता।
बायोमेट्रिक आधार संख्या संबंधी मामले में मुख्य न्यायधीश को पत्र

बायोमेट्रिक आधार संख्या संबंधी मामले में मुख्य न्यायधीश को पत्र

सिटीजंस फोरम फॉर सिविल लिबर्टीज के सदस्य गोपाल कृष्ण ने सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायधीश को पत्र लिखा है। यह पत्र बायोमेट्रिक आधार संख्या के संदर्भ में निजता के अधिकार पर दायर याचिका के संबंध में संविधान पीठ बनाए जाने के न्यायालय के आदेश पर है। न्यायालय के आदेश के बावजूद इस संवैधानिक पीठ का गठन अभी तक नहीं किया गया है। गोपाल कृष्ण का कहना है कि मुख्य न्यायधीश ने स्वंय कहा था कि यह मामला जरूरी है।
अरुणाचल प्रदेशः तुकी ने सुप्रीम कोर्ट में नयी याचिका दायर की

अरुणाचल प्रदेशः तुकी ने सुप्रीम कोर्ट में नयी याचिका दायर की

अरूणाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्राी नबाम तुकी ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में नयी याचिका दायर की है। कांग्रेस नेता द्वारा दायर याचिका पर न्यायमूर्ति जेएस खेहड़ के नेतृत्व वाली पांच न्यायाधीशों की संवैधानिक पीठ द्वारा सोमवार को सुनवाई किए जाने की संभावना है।
डीडीसीए: सरकार और जेटली के खिलाफ अदालत जाएंगे आजाद

डीडीसीए: सरकार और जेटली के खिलाफ अदालत जाएंगे आजाद

निलंबित भाजपा सांसद कीर्ति आजाद ने आज डीडीसीए मामले में मोदी सरकार को भी घसीटते हुए कहा कि वह सरकार के अलावा वित्त मंत्री अरूण जेटली के विरूद्ध अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे। आजाद ने दावा किया कि सीबीआई अब भी पिंजड़े का तोता ही है।
चर्चाः ऑपरेशन के बाद सड़क पर सांस | आलोक मेहता

चर्चाः ऑपरेशन के बाद सड़क पर सांस | आलोक मेहता

राजधानी दिल्ली में प्रदूषण मुक्ति का एक आपरेशन सफलतापूर्वक संपन्न हो गया। आलीशान कार वालों से लेकर ऑटो-मेट्रो में चलने वालों ने भी केजरीवाल सरकार के आदेश के समक्ष समर्पण किया। अदालतों ने हस्तक्षेप से इंकार करने के अलावा न्यायाधीशों को भी नई राह पर चलना सिखा दिया। शीर्षस्‍थ डॉक्टर और पर्यावरणवादियों ने भरपूर आशीर्वाद दिया।
लोकपाल के 16 दावेदारों में सुप्रीम कोर्ट के तीन जज भी शामिल

लोकपाल के 16 दावेदारों में सुप्रीम कोर्ट के तीन जज भी शामिल

भ्रष्टाचार निरोधक निकाय लोकपाल के अध्यक्ष पद के लिए कुल 16 आवेदन आए हैं। आवेदन करने वालों में उच्चतम न्यायालय के तीन पूर्व न्यायाधीश के अलावा उच्च न्यायालय के एक पूर्व मुख्य न्यायाधीश ने भी आवेदन किया है। इनके अलावा यूजीसी के एक पूर्व सदस्य और एक सूचना आयुक्त समेत कुल 16 लोगों ने लोकपाल के अध्यक्ष पद के लिए अपनी दावेदारी जताई है। यह जानकारी कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने सूची जारी कर दी है।
अरुणाचल के राजनीतिक संकट का मसला संविधान पीठ को

अरुणाचल के राजनीतिक संकट का मसला संविधान पीठ को

उच्चतम न्यायालय ने अरुणाचल प्रदेश में चल रहे राजनीतिक संघर्ष के संदर्भ में गुवाहाटी उच्च न्यायालय के कुछ आदेशों से संबंधित याचिकाओं को आज संविधान पीठ को सौंप दिया। न्यायमूर्ति जे.एस. खेहड़ और न्यायमूर्ति सी. नागप्पन की पीठ ने कहा कि यह मामला राज्यपाल, अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के अधिकारों के सांविधानिक प्रावधानों से संबंधित है। इसलिए इस पर वृहद पीठ द्वारा विचार की आवश्यकता है।
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