जरूरी है खेती और उद्योग
ममता बनर्जी लंबे राजनीतिक अनुभव से बहुत व्यावहारिक होती जा रही है। केजरीवाल की तरह वह सत्ता में रहकर भी हड़ताली आंदोलनकर्ता नहीं रह सकती। इसीलिए बंगाल में सिंगूर के किसानों के लिए संघर्ष की पृष्ठभूमि के बावजूद उन्होंने किसानों को खेती की जमीन लौटाने के साथ टाटा ग्रुप या अन्य उद्योगपतियों को प्रदेश में बड़े उद्योग लगाने के लिए समुचित जमीन और सुविधाएं देने की पहल की है। ममता जबरन जमीन के अधिग्रहण करके उद्योग लगाने की प्रवृत्ति को अनुचित मानती है।