जमात-उद-दावा सरगना और मुंबई में 26/11 के आतंकी हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के खिलाफ पाकिस्तान के ठोस सुबूत मांगने पर भारत ने कड़ा जवाब दिया है। पाक की बहानेबाजी पर विदेश मंत्रालय ने दो टूक कहा कि भारत पहले ही पाकिस्तान को सारे सुबूत दे चुका है। मुंबई में हुए आतंकी हमले की पूरी साजिश पाकिस्तान में ही रची गई थी। अब पाकिस्तान को हाफिज सईद पर कार्रवाई के लिए सिर्फ राजनीतिक इच्छाशक्ति दिखाने की जरूरत है।
रात के 10 बजे और दूर-दूर तक फैला जनसैलाब। लोग इतने कि गिनने बैठो तो गिनती खत्म हो जाए। बारिश के बाद की ठंडक, कोहरा और सर्द हवाएं भी इस जनसमूह का उत्साह कम नहीं कर पा रही थीं। यह जगह थी हरियाणा के सिरसा में ‘डेरा सच्चा सौदा’ जहां बाबा गुरमीत राम रहीम सिंह अपनी अगली फिल्म ‘हिन्द का नापाक को जवाब-एम.एस.जी. लायन हार्ट 2’ का ट्रेलर लांच करने वाले थे।
ट्रंप प्रशासन की ओर से पाकिस्तान पर दबाव बढ़ने के बीच मुंबई हमले के मास्टरमाइंड और जमात-उद-दावा के सरगना हाफिज सईद एवं चार अन्य लोगों को सोमवार को देर रात लाहौर में आतंकवाद विरोधी कानून के तहत नजरबंद कर दिया गया। नजरबंद होने के बाद हाफिज सईद ने वीडियो जारी कर भारत सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जिम्मेदार बताते हुए कहा है कि भारत के दबाव में ही पाकिस्तान सरकार ने उसे नजरबंदी में रखा गया है।
मुस्लिमों के साथ मजहब के नाम पर और दलितों के साथ जाति के नाम पर भेदभाव होने का दावा करते हुए प्रमुख मुस्लिम संगठन जमीयत उल उलेमा ए हिंद के महासचिव मौलाना महमूद मदनी ने आज दलित और मुस्लिम समाज से एकजुट होने का आह्वान किया।
आज अजमेर में जमिअत-उलमा-ए हिंद का 33वां अधिवेशन शुरू हो गया है। यहां के काईड विश्राम स्थली में जमिअत उलमा-ए हिंद के अध्यक्ष मौलाना कारी मोहम्मद उस्मान मंसूरपुरी की अध्यक्षता में जमिअत उलमा-ए हिंद के तराने के साथ जैसे ही पहली बैठक शुरू हुई, बड़ी तादाद में लोगों ने जात के नाम पर पैदा की गई दूरियों को खत्म करने की अपील के नारे दिए और एकता का संदेश दिया।
जमात उत दावा प्रमुख और मुंबई आतंकी हमले के मुख्य षड़यंत्रकर्ता हाफिज सईद ने कश्मीर के मुद्दे पर भारत के प्रति फीकी प्रतिक्रिया देने को लेकर नवाज शरीफ सरकार की जमकर आलोचना की और कहा कि घाटी के लोगों को पाकिस्तान का पूर्ण व्यावहारिक सहयोग चाहिए।
आजाद हिंद फौज के वयोवृद्ध सिपाही डैनियल काले का लंबी बीमारी के बाद कोल्हापुर में निधन हो गया। उनके बारे में कहा जाता है कि वे आजादी के संघर्ष के लिए गठित आजाद हिंद फौज के आखिरी जीवित सदस्य थे।